नई दिल्ली: लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी को निलंबन कर दिया गया. जिसके बाद विपक्ष ने शुक्रवार को संसद ने हंगामा किया और उनके निलंबन को रद्द करने की मांग की.
इस बीच, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का मामला उच्च सदन में उठाया.
खड़गे ने कहा, “उन्हें मामूली आधार पर निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने सिर्फ ‘नीरव मोदी’ कहा. नीरव का अर्थ है शांत, मौन. आपने उन्हें इस पर निलंबित कर दिया?
अधीर रंजन चौधरी को ‘जानबूझकर और बार-बार गलत’ करने के आरोप में गुरुवार को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया और मामला विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है
चौधरी के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पेश किया.
उन्होंने कहा, “इस सदन ने अधीर रंजन चौधरी के सदन और अध्यक्ष के अधिकार की घोर उपेक्षा करते हुए किए गए घोर, जानबूझकर और बार-बार किए गए कदाचार को गंभीरता से लिया है और यह निर्णय लिया है कि उनके आगे की जांच के लिए सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए. और सदन को रिपोर्ट करें और अधीर रंजन चौधरी को सदन की सेवा से तब तक निलंबित किया जाए जब तक समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर देती.”
अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर CPI सांसद बिनॉय विश्वम बोले, “संसद में किसी को भी किसी भी वक्त निलंबित किया जा सकता है, वही आज की संसद है. यह संसद में सत्तारूढ़ पीठों की इच्छाओं को एकतरफा थोपने का स्थान बन गया है.”
वहीं NC सांसद फारूक अब्दुल्ला बोले, “मुझे अफसोस है कि उन्होंने संसद सत्र के आखिरी दिन में एक अच्छे सदस्य को निलंबित किया.”
लोकसभा से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी बोले, “मैंने अधीर को उसी समय कहा कि माफी मांगें और खेद व्यक्त करें. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया…यह फैसला करना स्पीकर पर निर्भर करता है.”
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