नई दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि भारतीय रेलवे में 53,000 से अधिक सुरक्षा कर्मचारियों के पद खाली हैं, जिनमें सिग्नल और दूरसंचार विभाग में 3,638 रिक्तियां शामिल हैं.
ये आंकड़े 2 जून को ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना की पृष्ठभूमि में आए हैं, जिसमें 291 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने अपनी जांच में निष्कर्ष निकाला था कि टक्कर सिग्नल और दूरसंचार विभाग की ओर से कई खामियों के कारण हुई थी और इस घटना की जिम्मेदारी उक्त विभाग पर डाली गई थी.
वैष्णव, बसपा सांसद रितेश पांडे द्वारा सुरक्षा कर्मचारियों के पदों में रिक्तियों के बारे में उठाए गए सवालों के जवाब दे रहे थे. मंत्री ने निचले सदन को बताया कि सुरक्षा कर्मचारियों के पदों के लिए कुल 53,178 रिक्तियां हैं, जिनमें से लगभग आधे (28,724) यातायात और परिवहन (ऑपरेटिंग) विभाग के अंतर्गत आते हैं.
यह विभाग दीर्घकालिक और अल्पकालिक परिवहन सेवाओं की योजना बनाने के साथ-साथ ट्रेनों के दिन-प्रतिदिन के संचालन, उनकी समय सारणी सहित प्रबंधन और मांग को पूरा करने और सुविधा के लिए रोलिंग स्टॉक (लोकोमोटिव) के सुरक्षित संचालन और उचित रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है.
इसके अलावा, सुरक्षा कर्मचारियों के पदों पर रिक्तियों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या विद्युत विभाग में देखी गई, जिसका आंकड़ा 17,129 था. शेष रिक्तियां सिविल इंजीनियरिंग विभाग (2,266) और मैकेनिकल विभाग (1,421) में थीं.
बालासोर ट्रेन त्रासदी पर अपनी जांच रिपोर्ट में सीआरएस ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस एक मालगाड़ी के पिछले हिस्से से टकरा गई, जिसके परिणामस्वरूप डिब्बे पटरी से उतर गए, जो फिर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट के दो डिब्बों से टकरा गए.
सीआरएस रिपोर्ट के अनुसार, कोरोमंडल एक्सप्रेस को गलत सिग्नलिंग के कारण पीछे की ओर टक्कर हुई थी, जो सिग्नलिंग सर्किट के पिछले परिवर्तन और एक लेवल क्रॉसिंग गेट के लिए इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के प्रतिस्थापन से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के कारण हुई चूक से हुई थी.
सुरक्षा कर्मियों की “गंभीर कमी” को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बसपा सांसद के सवालों पर वैष्णव ने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से 30 जून 2023 के बीच विभिन्न समूह ‘सी’ पदों (स्तर -1 सहित) के लिए कुल 1,36,773 उम्मीदवारों को नामांकित किया गया है.
उन्होंने कहा कि इसमें “1,11,728 (अनंतिम) सुरक्षा श्रेणी के पद” शामिल हैं.
इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्रीय रेल मंत्री ने संसद को सूचित किया था कि भारतीय रेलवे में 2.50 लाख से अधिक पद खाली हैं, जिनमें से 2.48 लाख समूह ‘सी’ (गैर-राजपत्रित) श्रेणी में आते हैं – जिसमें स्टेशन मास्टर, तकनीशियन, कनिष्ठ अभियंता और अन्य शामिल हैं.
बुधवार को रेलवे पर संसदीय स्थायी समिति ने रेल मंत्रालय से जल्द से जल्द सभी ट्रेनों और पटरियों पर स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली, कवच को लागू करके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए स्थापित राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष (आरआरएसके) से “धन की व्यवस्था” करने की भी सिफारिश की, जिसका उपयोग केवल सुरक्षा संबंधी कार्य में होगा.
इसके अलावा, समिति ने साल-दर-साल “आरआरएसके के वित्तपोषण और व्यय में उल्लेखनीय अंतर” के लिए रेल मंत्रालय की खिंचाई की.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
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