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Friday, 22 November, 2024
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कलाक्षेत्र जांच पैनल ने यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक हरि पद्मन के लिए ‘कड़ी सजा’ का दिया सुझाव

स्वतंत्र पैनल ने कलाक्षेत्र के प्रशासन में सुधारों की सिफारिश की. कलाक्षेत्र फाउंडेशन के रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स के सहायक प्रोफेसर पद्मन फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.

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नई दिल्ली: कैंपस में यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए चेन्नई के कलाक्षेत्र फाउंडेशन द्वारा गठित एक स्वतंत्र जांच समिति ने आरोपी शिक्षक हरि पद्मन के लिए “कड़ी सजा” की सिफारिश की है.

समिति की अध्यक्षता पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के. कन्नन ने की थी, और इसमें तमिलनाडु की पूर्व पुलिस महानिदेशक लेटिका सरन और प्रसिद्ध एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. शोभा वर्धमान शामिल थीं.

समिति द्वारा सोमवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पैनल ने अपनी रिपोर्ट कलाक्षेत्र गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष एस. रामादोराई को सौंप दी है और निष्कर्ष भाग को छोड़कर “ऐसा खुलासा जिससे दोषी कर्मचारी को रिपोर्ट के निष्कर्षों के खिलाफ कारण बताना जरूरी हो जाएगा और बड़ी सजा की सिफारिश की जाएगी”, इसमें शामिल संवेदनशील जानकारी के कारण निष्कर्षों को निजी रखने के लिए कहा है.

कलाक्षेत्र फाउंडेशन के रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स के कई छात्रों, पूर्व छात्रों और संकाय सदस्यों से बात करने के बाद दिप्रिंट ने पहली बार इस साल 21 मार्च को रिपोर्ट दी थी कि “एक वरिष्ठ संकाय सदस्य द्वारा उत्पीड़न वर्षों से अनियंत्रित और बेरोकटोक चल रहा था.” यह कला और सांस्कृतिक अकादमी जो संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है.

जबकि संस्थान ने शुरू में आरोपों को ‘अफवाह’ कहकर खारिज कर दिया था, जिसका उद्देश्य कलाक्षेत्र की प्रतिष्ठा को खराब करना था, कॉलेज के छात्रों ने सहायक प्रोफेसर हरि पद्मन और तीन अन्य कर्मचारियों के तत्काल निलंबन की मांग करते हुए 30 मार्च को परिसर में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया था.

इससे एक दिन पहले राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने संस्थान का दौरा किया था और उत्पीड़न के आरोपों के आलोक में छात्रों से मुलाकात की थी.

4 अप्रैल को, रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स के गवर्निंग बोर्ड ने पद्मन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया – जिसे केरल के एक छात्र की शिकायत के आधार पर एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया था. इस बीच, इसी तरह के आरोपों का सामना करते हुए, साई कृष्णन, संजीत लाल और श्रीनाथ नाम के तीन संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया. गवर्निंग बोर्ड ने यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच समिति के गठन की भी घोषणा की.

अन्य बातों के अलावा, समिति ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन में सुधारों की सिफारिश की है कि कलाक्षेत्र उच्च शिक्षा का संस्थान बना रहे.

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “सुरक्षा पहलुओं पर विचार करते हुए और कलाक्षेत्र फाउंडेशन को मुख्य रूप से सार्वजनिक कलाकारों के लिए एक मंच के बजाय उच्च शिक्षा संस्थान के रूप में बढ़ावा देने के लिए और प्रशासन में सुधारों के लिए काफी सिफारिशें शामिल हैं.”

पुरुष छात्रों के एक समूह ने कलाक्षेत्र की आंतरिक शिकायत समिति में बदलाव और 2013 के यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम के तहत निवारण को लिंग-तटस्थ बनाने की मांग करते हुए मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

पद्मन फिलहाल जमानत पर बाहर हैं और उनके मामले में आरोपपत्र का इंतजार है.

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

संपादन: अलमिना खातून


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