जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नवगठित जिलों का सोमवार को ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया और कहा कि ‘विजन 2030’ के तहत राजस्थान को अग्रणी राज्य बनाना ही हमारा लक्ष्य है.
जयपुर के बिड़ला सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर नवगठित जिलों की उद्घाटन पट्टिकाओं अनावरण किया. इससे पहले उन्होंने सभागार परिसर में एक यज्ञ में भी भाग लिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1956 में 2 करोड़ की जनसंख्या पर 26 जिले बने थे. वहीं, 67 साल में आबादी 3 गुना बढ़ने के बावजूद 7 ही नए जिलों का गठन हुआ था. अब राज्य सरकार ने जनभावना के सम्मान में प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के लिए एक साथ 19 नए जिलों का गठन किया है. इसके पीछे हर एक प्रदेशवासी का सपना राजस्थान को वर्ष 2030 तक हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कराना है. राज्य सरकार गांधीजी के विचारों और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि जिला गठन समिति का कार्यकाल 6 माह बढ़ाया गया है, जिससे आमजन की न्यायोचित मांगों पर परीक्षण कर पूरा किया जाएगा.
गहलोत ने कहा कि नए जिले और संभाग बनने से राज्य की प्रशासनिक इकाइयों का विकेन्द्रीकरण होगा, उनकी क्षमताएं बढ़ेंगी और कानून व्यवस्था अधिक मजबूत होगी. उनका कहना है कि आमजन के प्रशासनिक कार्य अब नजदीक ही सुगमता से होंगे.
उन्होंने कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए यह राजस्थान की एक नई सकारात्मक शुरुआत है, जिससे राज्य को नई ऊंचाइयां मिलेंगी.
गहलोत ने कहा कि सरकार ने जनभावना का सम्मान करते हुए प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के लिए एक साथ 19 नए जिलों का गठन किया है. उन्होंने कहा कि जिला गठन समिति का कार्यकाल छह माह बढ़ाया गया है, जिससे आमजन की न्यायोचित मांगों पर उचित विचार कर फैसला किया जाए.
उन्होंने कहा कि जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश को खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, सूचना और रोजगार प्राप्त करने का अधिकार कानून बनाकर दिया, उसी तरह राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने भी स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच), राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी, न्यूनतम 1000 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अधिकार राजस्थान के हर पात्र व्यक्ति को दिया है.
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी में 125 दिन रोजगार, नरेगा में 125 दिन के रोजगार और अनिवार्य एफआईआर की गारंटी दी गयी है. उन्होंने कहा कि अब राजस्थान रेगिस्तान नहीं बल्कि गारंटी देने वाला प्रदेश बन गया है.
गहलोत ने कहा कि कुशल वित्तीय प्रबंधन के कारण ही राजस्थान की योजनाओं और नीतियों की चर्चा पूरे देश में हो रही है.
राज्य सरकार ने गत शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के बाद 17 नए जिलों को अधिसूचित किया है. राज्य में अब जिलों की कुल संख्या 50 हो गई है. तीन नए संभाग भी बनाए गए हैं.
नवगठित जिलों में अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना कुचामन, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर (ग्रामीण), केकड़ी, जोधपुर शहर, जोधपुर (ग्रामीण), कोटपूतली बहरोड़, खैरथल तिजारा, नीम का थाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचौर और शाहपुरा शामिल हैं.
यह भी पढ़ें: अशोक गहलोत ने फिर दोहराई ‘मुख्यमंत्री पद छोड़ने’ की बात, बोले: मैं मोदी से बड़ा फकीर हूं