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Wednesday, 20 November, 2024
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मणिपुर पर विपक्ष के हंगामे के बीच संसद अगले हफ्ते मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी

विपक्ष ने पिछले हफ्ते बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. मंगलवार को बीएसी की बैठक में इस पर 8-10 अगस्त तक चर्चा करने का निर्णय लिया गया.

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नई दिल्ली: संसद में मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष के विरोध में कोई कमी नहीं आता देख, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अगले सप्ताह भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर सहमत हो गए हैं.

अविश्वास प्रस्ताव पर बहस 8 से 10 अगस्त तक होगी, बिरला की अध्यक्षता वाली बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) ने मंगलवार को अपनी बैठक में यह फैसला किया. सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को प्रस्ताव का जवाब देंगे.

सूत्रों ने कहा कि विपक्षी नेता बीएसी की बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद ही बाहर चले गए क्योंकि वे चाहते थे कि सरकार अपने लेजिसलेटिव एजेंडे के बजाय पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करे.

20 जुलाई को शुरू हुए मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय झड़पें और महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न के मामले सरकार और विपक्षी दलों के बीच एक समस्या बन गई हैं.

प्रधानमंत्री से मणिपुर हिंसा पर बयान देने का दबाव बनाते हुए संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही विपक्ष ने बाधित कर रखी है. राज्यसभा में विपक्ष नियम 267 के तहत मणिपुर की स्थिति पर लंबी अवधि की चर्चा की मांग कर रहा है, न कि नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा की. सरकार ने पहले कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर मुद्दे पर सदन में एक बयान जारी करेंगे, जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई.

पिछले हफ्ते, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था, जिसे भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अलावा इंडिया ब्लॉक के सभी घटकों ने समर्थन दिया है. लोकसभा में इंडिया ब्लॉक की सामूहिक ताकत 144 सांसदों की है.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कहा था कि वह सभी दलों के सदन के नेताओं के साथ चर्चा करेंगे और चर्चा के लिए उचित समय तय करेंगे.

अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए सदन के कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन होना जरूरी है.

अविश्वास प्रस्ताव काफी हद तक प्रतीकात्मक रहने वाला है क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए 543 सदस्यीय लोकसभा में 331 सांसदों की सामूहिक ताकत के साथ अच्छी पकड़ रखे हुए है और इसकी सदन में स्थिति अच्छी है. एनडीए के घटक दलों के अलावा वाईएसआरसीपी और बीजेडी ने भी अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार को अपना समर्थन देने की घोषणा की है.

(अनुवाद/ पूजा मेहरोत्रा)


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