नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जल संरक्षण को लेकर केंद्र के प्रयासों और प्रतिबद्धताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के दौरान 60 से ज्यादा ‘अमृत सरोवर’ बनाए गए हैं, जो कि एक शानदार कामयाबी है और 50 हजार और सरोवरों पर काम चल रहा है.
पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’ के 103वें संस्करण के दौरान देशवासियों को संबोधित करते हुए ये बातें कही.
‘मिशन अमृत सरोवर’ को पिछले साल लांच किया गया थ, इसका उद्देश्य आजादी के अमृत महोत्सव (देश की आजादी के 75 साल) के हिस्से के तौर पर देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों को विकसित और पुनर्जीवित करना है.
पीएम मोदी ने कहा, “60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के दौरान बनाए गए हैं, जो कि शानदार उपलब्धि है, जबकि 50 और सरोवरों के निर्माण पर काम जारी है.”
उन्होंने जिम्मेदारी और जागरूकता का परिचय देते हुए जल संरक्षण के लिए लोगों के प्रयासों की भी सराहना की.
अपनी हाल के मध्य प्रदेश के शहडोल दौरे पर, पीएम मोदी ने कहा पकरिया गांव के आदिवासियों ने जल-संरक्षण तकनीक अपनाई है और उन्होंने प्रकृति और पानी को बचाने को लेकर उनके साथ आगे की चर्चा की.
पीएम मोदी ने कहा, “आपको शायद कुछ समय पहले की बात याद होगी, मैं शहडोल गया था. मैंने पकारिया गांव के कुछ जनजातीय भाई-बहनों से मिला था. मेरी उनके साथ प्रकृति और जल संरक्षण को लेकर सुखद और सार्थक चर्चा हुई थी.”
उन्होंने कहा, बारिश का पानी अब इन कुओं में बहता है, “अब मुझे पता चला है कि पकरिया गांव के आदिवासी भाई-बहनों ने इस पर (जल संरक्षण के विचारों को क्रियान्वित करना) पहले से ही काम शुरू कर दिया है. स्थानीय प्रशासन की मदद से, लोगों ने लगभग सौ कुओं को जल रिचार्ज प्रणाली में बदल दिया है.”
पीएम मोदी ने कहा, “इससे धीरे-धीरे क्षेत्र में जमीन का जलस्तर बढ़ेगा. अब, सभी ग्रामीणों ने वॉटर रिचार्जिंग के लिए पूरे क्षेत्र में लगभग 800 ऐसे कुओं के इस्तेमाल का लक्ष्य रखा है.”
पड़ोसी उत्तर प्रदेश की बात करते हुए उन्होंने कहा इसने 30 करोड़ पेड़ एक दिन में लगाकर नया रिकॉर्ड बनाया है.
पीएम ने कहा, “कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश से एक और उत्साहजनक खबर आई, जहां 30 करोड़ पेड़ एक दिन में लगाए गए, जो कि एक रिकॉर्ड है.”
उन्होंने कहा, “यह राज्य सरकार द्वारा लांच किए गए एक कैंपेन का हिस्सा था. ऐसे प्रयास जनभागीदारी के साथ-साथ जनजागरूकता का भी बड़ा उदाहरण हैं. मैं चाहूंगा कि हम सभी पेड़ लगाने और जल को बचाने के प्रयास में लगें.”
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