चंडीगढ़: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) INDIA गठबंधन में एक साथ आ गए हैं, लेकिन पंजाब की स्थिति पूरी तरह से एक अलग कहानी है, जहां कांग्रेस ने राज्य सरकार द्वारा अपने नेताओं के खिलाफ “शातिर जादू-टोना” का आरोप लगाया है.
राज्य में आप के सत्ता में रहने के 16 महीनों में, एक पूर्व मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित एक दर्जन से अधिक कांग्रेस नेताओं को सरकार के आदेश पर गंभीर जांच का सामना करना पड़ रहा है. कथित भ्रष्टाचार के आरोप में कांग्रेस के चार पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को सतर्कता ब्यूरो (वीबी) ने गिरफ्तार भी किया है.
कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा, जो कहते हैं कि उन्हें सरकार ने परेशान किया है, ने शुक्रवार को AAP के बारे में ट्वीट किया, “दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठे आपराधिक मामले दर्ज करके @INCPunjab को हाशिए पर डालने का आप सरकार ने कोई मौका नहीं छोड़ा”.
बाद में खैरा ने कहा कि पिछले 16 महीनों में उनके खिलाफ तीन FIR दर्ज की गई हैं, अंतिम FIR इस साल मई में दर्ज हुई थी. उन्होंने कहा कि कपूरथला के भोलाथ में उनके परिवार के 51 साल पुराने राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर FIR दर्ज की गई थी जब वह केवल सात साल के थे. खैरा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोपों पर मुखरता से बोलने के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि FIR का मकसद उन्हें चुप कराना था.
Shame on @ArvindKejriwal & @BhagwantMann for their double standards as on one hand they are running from pillar to post for opposition unity and INDIA alliance while on the other hand they’re sparing no opportunity to marginalize @INCPunjab by slapping maliciously false criminal… pic.twitter.com/ZIUXqWIxIz
— Sukhpal Singh Khaira (@SukhpalKhaira) July 28, 2023
कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने अपनी पार्टी आलाकमान द्वारा केंद्र में आप के साथ गठबंधन करने पर आपत्ति जताई है. इस सप्ताह की शुरुआत में, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और उन्हें बताया कि गठबंधन का राज्य इकाई पर “हानिकारक प्रभाव” पड़ेगा.
दिप्रिंट ने पंजाब आप के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कांग से फोन के जरिए संपर्क किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. उनकी ओर से जवाब मिलने पर यह रिपोर्ट अपडेट कर दी जाएगी.
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मुकदमों की लंबी फेहरिस्त
9 जुलाई को, पूर्व उपमुख्यमंत्री ओ.पी. सोनी को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में वीबी द्वारा गिरफ्तार किया गया था. वीबी के बयान के अनुसार, अक्टूबर 2022 के एक जांच से पता चला कि 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2022 के बीच, सोनी और उनके परिवार की आय 4.5 करोड़ रुपये थी, जबकि खर्च 12.4 करोड़ रुपये था – जो उनकी आय से 176 प्रतिशत अधिक था.
सोनी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए बाजवा ने कहा था कि आप प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त है और कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाने और उनकी छवि खराब करने के लिए वीबी समेत सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है.
पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से भी वीबी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के इसी तरह के आरोप में पूछताछ की है. मार्च में उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी होने के बाद, वीबी ने पिछले कुछ वर्षों में इकट्ठा की गई संपत्ति के बारे में बताने के लिए चन्नी से दो बार पूछताछ की थी. चन्नी ने अपने खिलाफ कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया और मुख्यमंत्री भगवंत मान को उनके खिलाफ “जो चाहें” करने की चुनौती दी. उन्होंने कहा कि वह जेल जाने से नहीं डरते.
तीन अन्य पूर्व मंत्रियों- भारत भूषण आशु, साधु सिंह धर्मसोत और सुंदर शाम अरोड़ा को वीबी ने गिरफ्तार कर लिया है. पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री आशु को खाद्यान्न ले जाने के लिए परिवहन ठेके देने में कथित अनियमितताओं के लिए पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. आशु ने आरोपों से इनकार किया और इस साल मार्च में हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई.
पूर्व कल्याण मंत्री धर्मसोत को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया गया था. वीबी के अनुसार, 01-03-2016 से 31-03-2022 तक, धर्मसोत और उनके परिवार की आय 2.37 करोड़ रुपये थी, जबकि खर्च 8.76 करोड़ रुपये था – आय से 269 प्रतिशत अधिक. उच्च न्यायालय ने इस साल मई में धर्मसोत को नियमित जमानत दे दी थी.
पूर्व उद्योग और वाणिज्य मंत्री अरोड़ा, जो पहले से ही एक कथित रिश्वत मामले में जेल में थे, को पंजाब राज्य उद्योग निर्यात निगम द्वारा औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में उनकी कथित संलिप्तता के लिए इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें अप्रैल में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी.
पूर्व मंत्री संगत सिंह गिलजियान वन मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं. पिछले साल जुलाई में, वीबी ने उनके भतीजे दलजीत सिंह गिलजियन को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने कथित तौर पर गिलजियन के लिए रिश्वत लेने के माध्यम के रूप में काम किया था. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद पूर्व मंत्री को खुद गिरफ्तारी से बचा लिया गया.
गुरदासपुर से मौजूदा कांग्रेस विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहरा भी आय से अधिक संपत्ति की शिकायत में जांच का सामना कर रहे हैं. इस साल जनवरी में, वीबी ने उनके रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली कुछ संपत्तियों का तकनीकी मूल्यांकन किया.
कांग्रेस के दलबदलू भी मुश्किल में
यहां तक कि बलबीर सिंह सिद्धू और गुरप्रीत सिंह कांगड़ जैसे पूर्व कांग्रेस नेता- दोनों पिछले साल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए थे- आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के लिए सतर्कता जांच का सामना कर रहे हैं.
पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, जो इस साल की शुरुआत में बीजेपी में शामिल हुए थे, से उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी सरूप चंद सिंगला की शिकायत पर वीबी ने सोमवार को पूछताछ की. सिंगला ने आरोप लगाया था कि बादल ने बठिंडा में बहुत कम कीमत पर एक प्लॉट खरीदने के लिए अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल किया, जिसे बादल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नकार दिया.
(संपादन: ऋषभ राज)
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