scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशप्रदर्शनों के कारण 2020-22 के बीच रेलवे को 262 करोड़ का नुकसान, ट्रेनों पर पत्थरबाजी की हुईं 4,233 घटनाएं

प्रदर्शनों के कारण 2020-22 के बीच रेलवे को 262 करोड़ का नुकसान, ट्रेनों पर पत्थरबाजी की हुईं 4,233 घटनाएं

भारतीय रेलवे को सबसे ज्यादा नुकसान 2022 में हुआ है. साथ ही 2020 से लेकर 2022 के बीच ट्रेनों पर पत्थरबाजी की 4,233 घटनाएं दर्ज की गईं.

Text Size:

नई दिल्ली: विरोध प्रदर्शन के कारण भारतीय रेलवे को पिछले तीन सालों में लगभग 262 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है और रेलवे को सबसे ज्यादा नुकसान 2022 में हुआ है. शुक्रवार को संसद में मोदी सरकार ने यह जानकारी दी.

राज्य सभा सांसद इरन्ना कडाडी के सवाल के जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि बीते तीन सालों में यानी कि 2020, 2021 और 2022 में भारतीय रेलवे को 1.78, 0.68 और 259.44 करोड़ रुपए का नुकसान विरोध प्रदर्शनों के दौरान रेलवे संपत्ति को क्षति पहुंचाने के कारण हुआ है.

रेलवे को सबसे ज्यादा नुकसान 2022 में हुआ है. साथ ही 2020 से लेकर 2022 के बीच ट्रेनों पर पत्थरबाजी की 4,233 घटनाएं दर्ज की गईं.

2022 में भारतीय सेना द्वारा सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लाई गई थी जिसका देश के कई राज्यों में काफी विरोध हुआ था. उस समय रेलवे की संपत्ति में तोड़फोड़ की कई घटनाएं सामने आई थीं. वहीं कई ट्रेनों को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था.

केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि पुलिस और विधि व्यवस्था का मामला सातवीं अनुसूची के अंतर्गत राज्य का मामला है. अपने जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे संपत्ति सहित सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला आईपीसी और रेलवे अधिनियम के तहत संबंधित जीआरपी/राज्य पुलिस द्वारा दर्ज कर जांच की जाती है.

पिछले साल जून में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि लोगों को समझना होगा कि रेलवे हमारी संपत्ति है. रेलवे संपत्ति की सुरक्षा पर उन्होंने रेलवे अधिनियम को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया था.


यह भी पढ़ें: ‘ध्यान भटकाने नहीं आई हूं’, MP में प्रियंका ने PM पर साधा निशाना, बोलीं- मैं भी मोदी की आलोचना कर सकती हूं


क्या कदम उठाए गए

केंद्र सरकार ने कहा कि यात्रियों की जिंदगी की सुरक्षा सुनिश्चित करने और रेलवे की संपत्ति को क्षति से बचाने के लिए आरपीएफ और जिला पुलिस और प्रशासन के माध्यम से कई कदम उठाए गए हैं.

राज्य सभा में सरकार ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में डीजीपी की अध्यक्षता में स्टेट लेवल सिक्योरिटी कमिटी ऑफ रेलवेज़ (एसएलएससीआर) का गठन किया गया है जो कि रेलवे से जुड़े सुरक्षा के इंतजाम पर नजर रखेगी.

इन कदमों में भीड़ से निपटने के लिए आरपीएफ जवानों की ट्रेनिंग, विभिन्न एजेंसियों के बीच इंटेलीजेंस साझा करने, ऑपरेशन साथी जैसे जागरूकता अभियान शामिल हैं. साथ ही लोगों को बताया जा रहा है कि प्रदर्शनों के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का क्या खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

सरकार ने कहा कि रेलवे ट्विटर, फेसबुक, कू जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए लगातार यात्रियों के संपर्क में रहता है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. और सीसीटीवी के माध्यम से भी सुरक्षा व्यवस्था की देखरेख होती है.


यह भी पढ़ें: पिछले 5 साल से विदेशी छात्रों को लुभाने में लगे हैं IITs, कई कोशिशों के बावजूद गति धीमी


 

share & View comments