scorecardresearch
Monday, 4 November, 2024
होमराजनीति'पास-पास लेकिन साथ-साथ नहीं': NDA की बैठक में मोदी ने विपक्ष की I.N.D.I.A को 'मजबूरियों' का गठबंधन बताया

‘पास-पास लेकिन साथ-साथ नहीं’: NDA की बैठक में मोदी ने विपक्ष की I.N.D.I.A को ‘मजबूरियों’ का गठबंधन बताया

प्रधानमंत्री का कहना है कि विपक्षी दल कर्नाटक में 'एक साथ मुस्कुरा रहे हैं' लेकिन विभिन्न राज्यों में 'एक-दूसरे के खून के प्यासे' हैं, जबकि एनडीए ने विपक्ष में बैठकर भी 'सकारात्मक राजनीति' की.

Text Size:

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 2024 में भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्ष के 26 दलों के नवगठित गठबंधन ‘इंडिया’ को ‘मजबूरी’ का गठबंधन कहा. उन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की एक बैठक में कहा, वे “पास-पास” आ सकते हैं, लेकिन “साथ, साथ” नहीं हैं.

प्रधानमंत्री ने दिन की शुरुआत में विपक्षी दलों और बेंगलुरु में उनकी एकता के प्रदर्शन पर तीखा हमला किया और दावा किया कि उनमें से कई विभिन्न राज्यों में “एक-दूसरे के खून के प्यासे” हैं, जहां वे एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं. उन्होंने केरल में वामपंथी दलों और कांग्रेस, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), कांग्रेस और वाम दलों और बिहार में विरोधियों से सहयोगी बने जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का उदाहरण दिया.

उन्होंने कहा, “केरल में वामपंथी और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ हैं, एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं और कर्नाटक में वे एक साथ मुस्कुरा रहे हैं. पश्चिम बंगाल में लेफ्ट और टीएमसी के बीच लगातार खींचतान जारी है. यह मजबूरी का गठबंधन है. ये पास-पास तो आ सकता है लेकिन साथ-साथ नहीं,”

उन्होंने कहा कि जो गोंद इन पार्टियों को एक साथ बांध रहा है वह मूल्यों और सिद्धांतों पर “समझौता” है.

विपक्ष के गठबंधन ‘आई.एन.डी.आई.ए’ – जिसका संक्षिप्त रूप ‘इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ है – के जवाब में मोदी ने एनडीए की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि “एन न्यू इंडिया है, डी डेवलप्ड नेशन है और ए एस्पिरेशन ऑफ पीपल एंड रीजन है”.

उन्होंने आगे कहा, “हमारा एजेंडा सकारात्मक है. एनडीए सत्ता के लिए नहीं बना है. यह किसी के विरोध में नहीं बल्कि देश की स्थिरता के लिए था…एनडीए क्षेत्रीय आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है. एनडीए की विचारधारा देश की सुरक्षा, प्रगति और लोगों के सशक्तीकरण को हर चीज से ऊपर रखती है,”

पीएम ने आगे कहा, ”मैं गलतियां कर सकता हूं लेकिन मैं गलत इरादे से कुछ नहीं करूंगा. मेरे जीवन का हर मिनट इस देश के लिए समर्पित है.”

एनडीए की बैठक अशोका होटल में हुई. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गेट पर बीजेपी के 37 गठबंधन दलों के नेताओं का स्वागत किया. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने पहुंचकर मोदी के पैर छुए. बाद में उन्होंने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस – जो एलजेपी के दूसरे गुट का नेतृत्व करते हैं – से भी मुलाकात की और उनके भी पैर छुए.

बैठक के अंत में ध्वनि मत से 2024 का लोकसभा चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ने और बहुमत हासिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया.


यह भी पढ़ेंः PK को अपना वारिस बनाना चाहते थे नीतीश, महिला बिल पर शरद यादव को दी थी चेतावनी – बिहार CM के अनजाने किस्से


‘विपक्ष में रहते हुए भी हम सकारात्मक राजनीति करते हैं’

सहयोगियों को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा कि एनडीए “मजबूरियों का गठबंधन नहीं है, बल्कि योगदान का प्रतीक है”. उन्होंने कहा कि भारत में गठबंधन की एक लंबी परंपरा रही है, लेकिन नकारात्मकता के साथ बने गठबंधन कभी सफल नहीं हुए. उन्होंने कांग्रेस पर 1990 के दशक में गठबंधन का इस्तेमाल कर सरकारें बनाने और फिर उन्हें गिराकर देश को अस्थिर करने का आरोप लगाया. दूसरी ओर, उन्होंने कहा, एनडीए का गठन स्थिरता लाने के लिए किया गया था, किसी सरकार को गिराने के लिए नहीं.

मोदी ने कहा कि जब उनकी पार्टी विपक्ष में थी तब भी उन्होंने ”हमेशा सकारात्मक राजनीति की.”

“विपक्ष में, हमने तत्कालीन सरकारों के घोटालों को उजागर किया. हालांकि, हमने एक बार भी लोगों के जनादेश का अपमान नहीं किया. हमने अपनी सरकार को अस्थिर करने के लिए कभी भी विदेशी मदद नहीं ली. हमने देश के लिए बनाई गई विकास योजनाओं में कभी बाधाएं पैदा नहीं कीं.”

यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन और अमेरिका की यात्रा की पृष्ठभूमि में आया है, जहां उन्होंने पीएम की आलोचना की थी और दावा किया था कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है.

इस बात पर जोर देते हुए कि गठबंधन में कोई भी राजनीतिक दल छोटा या बड़ा नहीं है, मोदी ने कहा कि वे सभी एक ही लक्ष्य – राष्ट्र निर्माण – के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “2014 और 2019 में बीजेपी को बहुमत मिला. लेकिन हमारे यहां एनडीए की सरकार थी और वो बनी रही. एनडीए में सभी राजनीतिक दल वंचितों और गरीबों के लिए काम करने वाले हैं.”

मोदी ने आगे कहा कि विपक्ष हमेशा उन्हें गाली देने में व्यस्त रहता है, लेकिन उन्होंने कभी भी उनके साथ भेदभाव नहीं किया है, उन्होंने कहा कि राजनीति में प्रतिस्पर्धा हो सकती है, लेकिन दुश्मनी नहीं.

“दुर्भाग्य से, विपक्ष ने हमें गाली देना अपनी पहचान बना ली है लेकिन हमने हमेशा भारत को सभी राजनीतिक हितों से ऊपर रखा है. यह एनडीए सरकार ही है जिसने प्रणब दा (मुखर्जी) को भारत रत्न से सम्मानित किया, जिन्होंने अपना पूरा राजनीतिक जीवन कांग्रेस के साथ बिताया. एनडीए ने शरद पवार, मुलायम सिंह यादव, तरूण गोगोई, गुलाम नबी आजाद, मुजफ्फर बेग और कई अन्य नेताओं को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जो बीजेपी-एनडीए के साथ नहीं थे. हमने राष्ट्र-निर्माण के लिए उनके काम को स्वीकार किया और उसकी सराहना की.”

प्रधानमंत्री ने गठबंधन को अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की विरासत बताया और कहा कि बालासाहेब ठाकरे और प्रकाश सिंह बादल ने एनडीए को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

विश्वास व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि गठबंधन तीसरी बार सत्ता में लौटेगा, उन्होंने कहा कि 2014 में एनडीए का वोट शेयर 38 प्रतिशत और 2019 में 45 प्रतिशत था. “2024 के लोकसभा चुनावों में, एनडीए का वोट शेयर 50 प्रतिशत से ऊपर होगा क्योंकि इसके सहयोगी इतनी कड़ी मेहनत जो कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव अब दूर नहीं है और लोगों ने तय कर लिया है कि एनडीए को तीसरी बार मौका दिया जाएगा. “देश का मन हम जानते हैं लेकिन विदेश का मन भी बहुत कुछ संकेत दे रहा है.”

पीएम ने कहा कि जब भी चुनाव करीब आते हैं तो इसका असर विदेशी संबंधों पर भी पड़ता है. “कोई भी अन्य देश कोई वादा करने से पहले सौ बार सोचता है. वे सोचते हैं, चलो चुनाव नतीजों का इंतजार करें…लेकिन अभी भारत में स्थिति अलग है.’ हर कोई जानता है कि कुछ महीनों में चुनाव होने हैं लेकिन अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूएई, यूके आदि कई देश एनडीए के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर रहे हैं और उन्हें सम्मान दे रहे हैं… वे बड़े समझौते कर रहे हैं. क्योंकि वे भी जानते हैं कि भारत के लोग एनडीए पर भरोसा करते हैं… यहां तक कि दूसरे देश भी जानते हैं कि भारत के लोग एनडीए पर भरोसा करते हैं.’

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल: विपक्षी एकता का सभी को फायदा होगा, राहुल गांधी के अलावा


 

share & View comments