नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन नेताओं की बैठक को दिल्ली में संबोधित करते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एनडीए के लिए पहले राष्ट्र है, राष्ट्र की सुरक्षा है, पहले प्रगति और सबसे पहले लोगों का सशक्तिकरण है.
पीएम ने कहा, ‘‘जब हम विपक्ष में थे तब भी हमने हमेशा सकारात्मक राजनीति की. विपक्ष में रहते हुए, हमने तत्कालीन सरकारों के घोटालों को उजागर किया, लेकिन कभी भी जनादेश का अपमान नहीं किया.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कभी भी सत्तारूढ़ सरकारों के खिलाफ विदेशी ताकतों की मदद नहीं ली. हमने देश के लिए बनी विकास योजनाओं में कभी रुकावटें पैदा नहीं कीं.’’
एनडीए की फुल फॉर्म बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एनडीए का मतलब एन: न्यू इंडिया, डी: डेवलपमेंट, ए:एस्पिरेशन है.’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘एनडीए की 25 साल की इस यात्रा के साथ एक और संयोग जुड़ा है. यह वह समय है जब हमारा देश आने वाले 25 वर्षों में एक बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए बड़े कदम उठा रहा है. यह लक्ष्य विकसित भारत का है, आत्मनिर्भर भारत का है.’’
प्रधानमंत्री ने संबोधन में आगे कहा कि जनता को सब पता हैं कि पूरा विपक्ष आज क्यों इकट्ठा हुआ है. विपक्ष केवल आसपास आ सकता है एक साथ नहीं.
उन्होंने कहा, 2014 से पहले की गठबंधन सरकार का उदाहरण हमारे सामने है. प्रधानमंत्री के ऊपर एक आलाकमान, पॉलिसी पैरालिसिस, निर्णय लेने में अक्षमता, अव्यवस्था और अविश्वास, खींचतान और भ्रष्टाचार, लाखों-करोड़ों के घोटाले.
गठबंधन पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी का हो, जब गठबंधन भ्रष्टाचार की नीयत से हो, जब गठबंधन परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया गया हो तो वो गठबंधन देश का बहुत नुकसान करता है.
उन्होंने कहा, NDA का गठन 1998 में हुआ था, लेकिन सिर्फ सरकारें बनाना और सत्ता हासिल करना NDA का लक्ष्य नहीं था. NDA का गठन देश में स्थिरता लाने के लिए हुआ था.
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