नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की ज़रूरत है.
यहां जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की दो दिन की बैठक में अपने संबोधन में सीतारमण ने कहा कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि अपने दीर्घकालिक औसत से नीचे और असमान बनी हुई है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस चुनौतीपूर्ण समय से निपटने के लिए समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की ज़रूरत है. इस संदर्भ में जी20 रूपरेखा पर कार्यसमूह ने खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से संबंधित व्यापक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के मुद्दों को उठाया है.’’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इन मुद्दों से जो नीतिगत सबक सामने आए हैं, वे स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं.’’
महात्मा गांधी का ज़िक्र करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘भविष्य इस पर निर्भर करता है कि हम वर्तमान में क्या करते हैं.’’
उन्होंने कहा कि यह वक्तव्य मजबूती से वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी समूह की ओर ले जाने के लिए जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों के रूप में हमारे दायित्व को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि 2023 में वैश्विक स्वास्थ्य एजेंडा पर आगे बढ़ते हुए कम आय वाले देशों की आवाज़ को बुलंद करने के लक्ष्य के साथ संयुक्त वित्त और स्वास्थ्य कार्यबल की बहु-वर्षीय कार्ययोजना को अपनाया गया, जिसे क्षेत्रीय संगठनों से मार्गदर्शन मिला.
उन्होंने कहा कि फरवरी की एफएमसीजीबी की बैठक में ‘जी20 फाइनेंस ट्रैक’ के विभिन्न कार्यक्षेत्रों को जो काम सौंपा गया था, अब उनके नतीजे मिले हैं.
उन्होंने जी20 की भारत की अध्यक्षता में सख्त समयसीमा के बावजूद इन चीजों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न जी20 फाइनेंस ट्रैक कार्यसमूहों के सह-प्रमुखों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और जी20 के सदस्यों का आभार जताया.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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