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Friday, 22 November, 2024
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हिमाचल में अभी बारिश से राहत की कोई संभावना नहीं, IMD ने अगले 24 घंटों के लिए जारी किया ‘रेड’ और ‘ऑरेंज’ अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जिससे भूस्खलन हुआ है, बिजली भी गुल है, सड़कें खराब हो गई हैं और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. राज्य में प्रकृति के प्रकोप ने पिछले 48 घंटों में 20 लोगों की जान ले ली है.

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नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से बारिश से प्रभावित हिमाचल प्रदेश में राहत की कोई संभावना नहीं दिख रही है, क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कई जिलों में अगले 24 घंटों के लिए “रेड” और “ऑरेंज” अलर्ट जारी किया है.

अगले 24 घंटों के लिए सोलन, शिमला, सिरमौर, कुल्लू, मंडी, किन्नौर और लाहौल में बहुत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा और चंबा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने सोमवार को कहा, अगले 24 घंटों के लिए मंडी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के लिए अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को कहा कि राज्य में पिछले कुछ दिनों में बहुत बारिश दर्ज की गई है, उन्होंने कहा कि वह जानमाल के नुकसान और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान से चिंतित हैं.

जयराम ठाकुर जो अब हिमाचल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं,उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश ने “अपने इतिहास में ऐसी बारिश नहीं देखी है” क्योंकि 12 से अधिक प्रमुख पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

उन्होंने कहा, “हमने पिछले कई वर्षों में ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी. मैं राज्य में मौजूदा स्थिति से बहुत चिंतित हूं. कई बड़ी और छोटी नदियां उफान पर हैं और अगर अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति बनी रही, तो और नुकसान ज्यादा हो सकता है.”

48 घंटों में 20 लोगों की जान गई

हिमाचल प्रदेश में बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जिससे भूस्खलन हुआ है, बिजली भी गुल है, सड़कें खराब हो गई हैं और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. राज्य में प्रकृति के प्रकोप ने पिछले 48 घंटों में 20 लोगों की जान ले ली है.

अकेले शिमला जिले में सोमवार को भूस्खलन ने चार और लोगों की जान ले ली. शिमला के ठियोग उपमंडल में सोमवार सुबह एक मकान में भूस्खलन होने से तीन लोगों की मौत हो गई.

पर्यटक पहाड़ी राज्य के कुछ हिस्सों में फंसे हुए है, और बुनियादी ढांचे के नुकसान का अनुमान 3,000 करोड़ रुपये से 4,000 करोड़ रुपये के बीच है.

अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन स्थल मनाली में फंसे 20 लोगों को बचा लिया गया है लेकिन अभी भी अलग-अलग हिस्सों में लगभग 300 लोग फंसे हुए हैं.

इस बीच, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को कहा कि राज्य ने पिछले 50 वर्षों में इतनी भारी बारिश नहीं देखी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मौजूदा स्थिति पर हिमाचल के सीएम से बात की और केंद्र से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि जल शक्ति विभाग की 4,680 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं जिससे 323.30 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है.

हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान एक जुलाई से नौ जुलाई तक सामान्य 160.6 मिलीमीटर की तुलना में 271.5 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो 69 प्रतिशत अधिक है.


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