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Wednesday, 6 November, 2024
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‘UP के शेर’- चंद्रशेखर पर गोली चलाने वाले का इंस्टा अकाउंट – बंदूक, तलवार और गैंगस्टरों से लबरेज़

इंस्टा अकाउंट में हथियार लहराते आरोपियों, जेल में बंद गैंगस्टर मोनू राणा और लॉरेंस बिश्नोई की कई तस्वीरें पोस्ट हुई हैं. सहारनपुर के एसपी (ग्रामीण) सागर जैन का कहना है कि जांचकर्ताओं ने इसपर ध्यान दिया है.

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लखनऊ: पिछले हफ्ते आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्र शेखर आज़ाद पर कथित तौर पर गोली चलाने वाले चार लोगों को बंदूकों का काफी शौक है. साथ ही चारों जेल में बंद गैंगस्टरों के दीवाने हैं. उनका गुणगान उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जमकर किया है. 

उनके सोशल मीडिया अकाउंट से यह भी पता चलता है कि उनमें से कुछ जेल भी जा चुके हैं. इसकी पुष्टि सहारनपुर पुलिस ने की है.

पुलिस सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि शनिवार को गिरफ्तार किए गए सभी लोग, जिनकी उम्र 20 वर्ष के आसपास थी, भीम आर्मी के सह-संस्थापक आजाद के उनके समुदाय के कार्यक्रमों के खिलाफ संगठन की गतिविधियों से नाराज थे.

उनके नाम से चल रहे सोशल मीडिया अकाउंट- विकास राणा उर्फ ​​विक्की राणा रणखंडी, अभिषेक ठाकुर उर्फ ​​लोविश ठाकुर, प्रशांत राणा और विकास उर्फ ​​विक्की राजपूत गोंडेरिया – ने आज़ाद पर हमले के बाद हुए मीडिया रिपोर्ट की प्रशंसा करते हुए कई पोस्ट लिखे, जिसमें कैप्शन दिया गया: “चार ने सरकार हिला दी” और “जय महाराणा”.

इन अकाउंट्स में हथियार लहराते आरोपियों की तस्वीरें, राजपूत समुदाय की रैलियों की तस्वीरें और यहां तक ​​कि जेल में बंद गैंगस्टर मोनू राणा और लॉरेंस बिश्नोई की तस्वीरें भी हैं.

इनमें से दो अकाउंट- रणखंडी और प्रशांत राणा- इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक सक्रिय थे.

सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सागर जैन ने दिप्रिंट को बताया कि जांचकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर उनकी गतिविधियों पर ध्यान दिया है. गैंगस्टर मोनू राणा और लॉरेंस बिश्नोई की पोस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि पुलिस इस एंगल से भी आरोपियों से पूछताछ करेगी.

उन्होंने आगे कहा कि अब तक, इन लोगों ने गैंगस्टरों से  किसी भी तरह के ताल्लुकात का खुलासा नहीं किया है. उन्होंने कहा, “यह संभव है कि उनके दोस्तों ने कुछ शेयर किया हो और उन्होंने भी इसे शेयर किया हो. वे सभी अपराधी हैं और उनके पास हथियार हैं.”

रविवार को मीडिया से बात करते हुए आज़ाद ने पुलिस जांच पर संदेह व्यक्त किया था और कहा था कि यह संभव है कि “किसी ने हमले के लिए युवाओं को पैसे दिए हो”.

उन्होंने आरोप लगाया था कि हमले में इस्तेमाल किए गए हथियार देशी पिस्तौल नहीं थे, जैसा कि सहारनपुर पुलिस ने दावा किया था. हालांकि, एसपी जैन ने कहा कि आरोपियों के पास से दो देशी पिस्तौल बरामद किए गए हैं और उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.

‘भाई को सपोर्ट करो’

रणखंडी के इंस्टाग्राम अकाउंट पर ऐसे पोस्ट और स्टोरिज की संख्या सबसे अधिक है. सबसे अंतिम पोस्ट उसकी गिरफ्तारी को लेकर है. युवक यूपी के देवबंद के रणखंडी गांव का रहने वाला है.

उसकी इंस्टाग्राम स्टोरिज में से एक सोशल मीडिया यूजर से रणखंडी और एक अन्य आरोपी अभिषेक उर्फ ​​लविश की तस्वीरें शेयर करने का आग्रह करता है “ताकि अगर शब्बीरपुर घटना की पुनरावृत्ति हो, तो उनके भाई उसी तरह से बदला ले सकें”.

2017 में, मेवाड़ के राजपूत योद्धा-राजा महाराणा प्रताप की स्मृति में एक रैली को लेकर दलितों और ठाकुरों के बीच सिलसिलेवार झड़पों से सहारनपुर का शब्बीरपुर गांव हिल गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पथराव में एक ठाकुर युवक की मौत हो गई, जिससे संघर्ष और बढ़ गया. इस घटना में 14 लोग घायल हो गए थे और 25 घरों में आग लगा दी गई थी.

फिर पुलिस हिरासत में चारों आरोपियों के वीडियो भी हैं, जिनके कैप्शन हैं, “4 ने सरकार हिला दी, अगर ये 40 होते तो क्या होता”, चीता (चीता) और “भाई को सपोर्ट करो.”

सोमवार को अपलोड की गई अकाउंट पर एक और स्टोरी में उन लोगों के लिए चेतावनी दी गई है जो सोचते हैं कि राजपूतों ने “लड़ाई छोड़ दी है”. इसमें लिखा गया है, “ये उनके लिए जवाब है जो सोचते हैं राजपूतों ने जंग छोड़ दी है, उन्हें बताना चाहेंगे हमने ना लड़ना छोड़ा है, ना लड़ना भूले हैं.”


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हथियार और अपराधी

विकास राणा उर्फ ​​विक्की राणा रणखंडी और विक्की राजपूत गोंडेरिया दोनों के नाम से बने अकाउंट में उनकी तलवारें और पिस्तौल लिए तस्वीरें हैं.

गोंडेरिया हरियाणा के करनाल के रहने वाले हैं. कथित तौर पर हमले में उसकी कार का इस्तेमाल किया गया था और पिछले हफ्ते सहारनपुर पुलिस ने उसे बरामद कर लिया था. उसके अकाउंट में हरियाणा के गैंगस्टर मोनू राणा की तस्वीरें हैं, जो अभी में एक हत्या के मामले में जेल में है. इसके अलावा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की भी तस्वीरे हैं, जिसे पंजाबी गायक सिद्धू मूस वाला की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है.

8 मई 2021 को गोंडेरिया के इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किए गए एक पोस्ट में उसने एक मोनू राणा और खुद की तस्वीरों का एक कोलाज शेयर किया था, जिसका कैप्शन था, “एमआर (मोनू राणा) ग्रुप की ओर से महाराणा जन्मोत्सव की शुभकामनाएं.”

एक दूसरी पोस्ट में बिश्नोई की तस्वीर है जबकि दूसरे में मोनू राणा की दो पिस्तौल पकड़े हुए तस्वीर है. इसमें महाराणा प्रताप की जयंती पर 2021 की रैली की तस्वीरें और 2020 की एक पोस्ट भी है जिसमें गोंडेरिया की तलवार पकड़े हुए तस्वीर है.

जेल के अंदर और बाहर

रणखंडी और अभिषेक ठाकुर उर्फ ​​लोविश के नाम से बने इंस्टाग्राम अकाउंट पर दोनों के कथित तौर पर अलग-अलग मौकों पर देवबंद जेल से बाहर आने के वीडियो हैं.

8 जून 2023 को रणखंडी के इंस्टाग्राम अकाउंट से साझा किए गए वीडियो में, कथित तौर पर जेल से बाहर आने का एक वीडियो पोस्ट किया गया जिसका कैप्शन दिया गया था: “welcome back #307.”

दिप्रिंट द्वारा देखी गई एफआईआर के अनुसार, इस साल 9 अप्रैल को रणखंडी और दो अन्य लोगों करण फौजी और विशाल उर्फ ​​पोपट पर देवबंद में एक युवक पर गोली चलाने के आरोप में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

सहारनपुर के एक पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि रणखंडी कुछ समय के लिए जेल में था और पिछले महीने जमानत पर बाहर आया था.

इसी तरह, ठाकुर के नाम के अकाउंट में पुलिस हिरासत में अदालत परिसर में चार लोगों के साथ उनका एक वीडियो है. वीडियो इसी साल 15 मई को शेयर किया गया था.

11 मार्च 2022 को देवबंद की उप जेल के जेलर पर गोलीबारी के बाद पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद देवबंद पुलिस ने ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके लिए उनके और अन्य के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई थीं. दिप्रिंट के पास सभी एफआईआर की कॉपी है.

ऊपर उद्धृत सहारनपुर पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि ठाकुर कुछ महीने जेल में बिताने के बाद हाल ही में जमानत पर बाहर आया था.

चौथे आरोपी प्रशांत राणा के नाम से इंस्टाग्राम अकाउंट पर हुक्का पकड़े हुए और राजपूत शासक पृथ्वीराज चौहान की मूर्ति के पास की तस्वीरें और वीडियो भी हैं, जिसका 7 जून 2022 को शामली में अनावरण किया गया था. अन्य वीडियो में, वह एक कार में एक अन्य व्यक्ति के साथ बंदूक लिए बैठे देखा जा सकता है.

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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