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Tuesday, 26 November, 2024
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‘मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’, MP सरकार युवाओं को दे रही लर्न एंड अर्न का नया मौका

इस योजना में चयनित छात्र -छात्राओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप स्टाइपेन्ड मिलेगा जिसमें 8000, 8500, 9000 और अधिकतम दस हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे जो युवाओं को पढ़ाई के लिए कार्यकुशल बनाने के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहित भी करेगा.

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किसी भी राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. युवा शारीरिक और मानसिक रूप से किसी भी कार्य को कुशलतापूर्वक करने में सक्षम होता है. शिक्षा के साथ युवाओं के कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाए तो विभिन्न क्षेत्रों को इसका लाभ मिल सकता है. वर्तमान दौर में युवाओं का सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक आधार पर सशक्तीकरण आवश्यक है ताकि वे सही दिशा में आगे अपने कदम बढ़ा सके . इसके लिए युवाओं को पर्याप्त अवसर देकर उनकी शक्ति और क्षमता का भरपूर उपयोग किया जाना चाहिए.

सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं के हितों और मध्यप्रदेश के सामाजिक, आर्थिक विकास में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिये कई कदम उठाये हैं. इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी युवा नीति को आगे बढ़ाते हुए ‘अर्न एन्ड लर्न ‘की तर्ज पर नई ‘मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ शुरू की है.

युवाओं के सुनहरे भविष्य के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 4 जुलाई को रवींद्र भवन से इसे लांच करने जा रहे हैं. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान युवाओं से संवाद भी करेंगे. इस कार्यक्रम का देश की राजधानी से सभी जिला मुख्यालयों पर लाइव प्रसारण होगा. ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ से प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को उद्योग उन्मुख नई तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता लाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें सहजता से रोजगार प्राप्त हो सकेगा. इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा.

‘युवाओं के लिए सतत प्रयत्नशील मुख्यमंत्री चौहान’

मध्यप्रदेश सरकार ने इस वर्ष मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में हुई यूथ महापंचायत में अपनी यूथ पालिसी लांच की जहाँ एक युवा पोर्टल भी शुरू किया. इस युवा नीति में समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया है. सीखो-कमाओ योजना भी एक तरह से सरकार की नई युवा नीति का अहम हिस्सा है. युवाओं को रोजगार से जोड़ने में मुख्यमंत्री श्री शिवराज की दूरदर्शी भूमिका रही है. आज प्रदेश के युवा नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि खुद का स्व-रोजगार स्थापित करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है. प्रदेश भर में स्टार्टअप धूम मचा रहे हैं. नई स्टार्टअप नीति, नई अप्रेंटिसशिप योजना, मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना सहित ऐसी कई योजनाएं प्रदेश में चल रही हैं जिसने युवाओं के सपनों में रंग भरने का काम किया है.

युवाओं में ‘मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ के प्रति उत्साह

इस योजना के पहले चरण में एक लाख युवाओं को रोजगार उन्मुखी कौशल में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. आवश्यकतानुसार लक्ष्य को बढ़ाया जाएगा. योजना के तहत चयनित मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा निर्धारित कोर्स में प्रशिक्षणार्थी के रूप में पंजीकृत किया जाएगा जिसमें पाठ्यक्रमों की सूची योजना के पोर्टल www.mmsky.mp.gov.in पर उपलब्ध रहेगी. उक्त पोर्टल पर युवाओं का पंजीकरण 26 जून से शुरू हो चुका है जिसमें युवाओं को अपनी शैक्षिक योग्यता के दस्तावेज, समग्र आईडी, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र समेत अन्य जानकारी अपलोड करनी होगी. योजना की पात्रता के लिए मध्य प्रदेश का निवासी होना और आयु 18 से 29 वर्ष और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास या उससे कम कक्षा में उत्तीर्ण , आईटीआई उत्तीर्ण , डिप्लोमा उत्तीर्ण , स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शिक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है.

इस योजना के प्रति युवाओं में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है. इस योजना में चयनित छात्र -छात्राओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप स्टाइपेन्ड मिलेगा जिसमें 8000, 8500, 9000 और अधिकतम दस हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे जो युवाओं को पढ़ाई के लिए कार्यकुशल बनाने के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहित भी करेगा. 25 जून तक प्रशिक्षण दिलाने वाले 9762 प्रतिष्ठानों को इस योजना में पंजीकृत किया जा चुका है जिनके द्वारा 28044 प्रशिक्षण रिक्तियां प्रकाशित की जा चुकी है. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की इस नई पहल से प्रदेश के युवाओं के सपनों को नए पंख लगेंगे .

काम सीखने के साथ ही कमाई के भरपूर अवसर

‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना ‘के लागू होने से काम सीखने के साथ-साथ युवाओं को आर्थिक रूप से जो मदद मिलेगी वह उनका आत्मविश्वास बढ़ायेगी. आमतौर पर औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को पर्याप्त संख्या में कार्यकुशल मानव संसाधन नहीं मिल पाते. इसे देखते हुए प्रदेश सरकार को उनके कौशल विकास के लिए प्रदेश सरकार को इस तरह की योजना की जरूरत महसूस हुई जहाँ पर युवाओं को काम सीखने के साथ ही कमाई के अवसर भी मिलेंगे. योजना में युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण के साथ ही नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा.प्रशिक्षण के बाद निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण करने या फार्मेटिव एसेसमेंट के बाद मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोज़गार बोर्ड स्टेट काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र देगा. इसके लिए योजना से कंपनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा गया है.

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि यह योजना जहाँ एक और युवाओं का सपनों को नई उड़ान देने का काम करेगी वहीँ यह योजना युवाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी भी बनाएगी.’ मुख्यमंत्री सीखो- कमाओ योजना ‘ के प्रभावी होने के बाद मध्यप्रदेश एक ऐसा प्रदेश बनकर उभरेगा जिसमें युवाओं की ऊर्जा और योग्यता के सभी बहुआयामी सरोकार समाहित होंगे. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ से प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को उद्योग उन्मुख नई तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता लाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें सहजता से रोजगार प्राप्त हो सकेगा.


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