नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर पुलिस ने इंफाल से 20 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर में बृहस्पतिवार को रोक दिया गया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्वोत्तर के हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे पर इंफाल पहुंचे थे.
जिसके बाद वह हिंसाग्रस्त क्षेत्र चुराचांदपुर जा रहे थे जहां उनके हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से राहत शिविरों में मिलने की योजना थी. उनके काफिले को रोक दिया गया और उनका काफिला वापस इंफाल एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए हैं. राहुल गांधी बिष्णुपुर से वापस इम्फाल एयरपोर्ट जा रहे हैं, वहां से हेलिकॉप्टर से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में जाएंगे.
Congress leader Rahul Gandhi returns to Imphal, Manipur.
Rahul Gandhi's convoy was stopped by police near Bishnupur. https://t.co/kSllRCpRLK pic.twitter.com/0XvOQdE6z9
— ANI (@ANI) June 29, 2023
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पुलिस ने कहा है कि वे नेताओं को आगे बढ़ने की अनुमति देने की “स्थिति” में नहीं हैं.
वहीं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में हिंसा की आशंका के चलते काफिले को रोका गया.
उन्होंने बताया कि बिष्णुपुर जिले के उटलू गांव के पास राजमार्ग पर टायर जलाए गए और काफिले पर कुछ पत्थर फेंके गए.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमें ऐसी घटनाओं के फिर होने की आशंका है और इसलिए एहतियाती तौर पर काफिले को बिष्णुपुर में रुकने का अनुरोध किया गया.’’
मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं.
वेणुगोपाल ने आगे कहा “राहुल गांधी के काफिले को विष्णुपुर के पास पुलिस ने रोक दिया है. पुलिस का कहना है कि वे हमें अनुमति देने की स्थिति में नहीं हैं. लोग राहुल गांधी से मिलने के लिए सड़क के दोनों ओर खड़े हैं. हम समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्होंने क्यों रोका है हमें”.
वेणुगोपाल ने पहले पुष्टि की थी कि अपने यात्रा के दौरान, राहुल गांधी नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे और इम्फाल और चुराचांदपुर में राहत शिविरों का दौरा करेंगे.
राहुल के काफिले रोके जाने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसकी निंदा करते हुए कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहत शिविरों का दौरा करने और इंफाल के बाहर के लोगों के साथ बातचीत करने से मोदी सरकार रोक रही है.”
It is most unfortunate that the Modi Govt is preventing @RahulGandhi from visiting relief camps and interact with the people outside Imphal.
His 2-day visit to Manipur is in the spirit of the Bharat Jodo Yatra. The Prime Minister may choose to remain silent or be inactive but…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 29, 2023
इस बीच, ऑल मणिपुर स्टूडेंट्स यूनियन’ ने आज एक बयान जारी कर राज्य में लगातार बनी सरकारों की निंदा की और कहा कि इसमें कांग्रेस पार्टी की बड़ी भूमिका है.
यूनियन ने कहा, “हमारा मानना है कि मणिपुर में वर्तमान सांप्रदायिक संकट उन राजनीतिक भूलों का परिणाम है जो समय के साथ मणिपुर पर शासन करने वाली सरकारों द्वारा की गई हैं और इसमें कांग्रेस की बड़ी भूमिका है.”
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, ऑल मणिपुर स्टूडेंट्स यूनियन के महासचिव ने कहा, “2012 में, कांग्रेस पार्टी ने चार ग्राम पंचायतों और एक जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र को हटा दिया, जो इंफाल पश्चिम जिले का हिस्सा थे और उन्हें मणिपुर पंचायती राज प्रणाली से हटा दिया गया था.”
मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा के बाद, यह कांग्रेस नेता का पूर्वोत्तर के इस राज्य का पहला दौरा है.
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं.
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है.
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