इम्फाल (मणिपुर) : मणिपुर सरकार ने रविवार को राज्य में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अगले 5 और दिनों के लिए इंटरनेट पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, जातीय झड़पों और हिंसा से प्रभावित पूर्वोत्तर के इस राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध 30 जून को दोपहर 3 बजे तक बढ़ा दिया है ताकि ‘मणिपुर राज्य के क्षेत्राधिकार में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोका जा सके.’ सरकारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया कि राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध ‘लगातार अशांति’ की वजह से बढ़ाया गया है.
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘पुलिस महानिदेशक, मणिपुर ने पत्र संख्या आईसी/11(163)/2008-पीएचक्यू(पीटी) दिनांक 24-06-2023 के माध्यम से बताया है कि अभी भी घरों और परिसरों में हिंसा, हमलों और आगजनी की घटनाओं की खबरें हैं, एक-दूसरे पर गोलीबारी हो रही है.’
इसमें कहा गया है, ‘ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे भाषण और नफरत भरे वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसका मणिपुर राज्य की कानून और व्यवस्था पर गंभीर असर हो सकता है.’
राज्य में तीसरी बार बढ़ा इंटरनेट पर प्रतिबंध
यह तीसरी बार है जब राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है.
इससे पहले 3 मई को बढ़ती जातीय हिंसा के बीच, मणिपुर सरकार ने राज्य में इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर दी थी जो कि अभी तक लागू है.
सरकार ने 11 जून को प्रतिबंध को 15 जून तक बढ़ा दिया था और फिर, 5 और दिनों के लिए 20 जून से 25 जून तक बढ़ाया था.
उच्च न्यायालय के एक निर्देश, जिसमें राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने पर विचार करने को कहा था इसके बाद से एक महीने से मणिपुर जातीय हिंसा की चपेट में है.
पूर्वोत्तर के इस राज्य में हिंसा बढ़ने पर केंद्र को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा है. मैतेई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल्स स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी. इसके बाद से यह अभी तक जारी है.
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