विपक्षी दल जल्द ही लोकसभा 2024 के लिए एकता को बढ़ावा देने के लिए मिलेंगे, लेकिन एकता दूर के ढोल जैसी लगती है. अरविंद केजरीवाल द्वारा अध्यादेश के मुद्दे पर समर्थन की मांग और यूसीसी के बंटवारे के विचारों के साथ, कई विवादित बिंदु उभर रहे हैं, जो पहले से ही दोष दिखा रहे हैं. विपक्षी एकता और राजनीतिक वास्तविकता के बीच कई दिक्कतें हैं.