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Thursday, 21 November, 2024
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मनोहर पर्रिकर की विरासत संभालने की तैयारी में बेटे उत्पल

उत्पल ने अमेरिका से मास्टर्स किया है. अभी वे अपना व्यवसाय कर रहे हैं. पणजी सीट पर 1994 से भाजपा का कब्जा है. इस सीट से पर्रिकर विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं.

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नई दिल्ली: गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद उनकी पणजी सीट पर बेटे पर्रिकर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. पणजी सीट पर 19 मई का चुनाव होना है. इस सीट के लिए भाजपा कार्यकर्ता मनोहर पर्रिकर के बड़े बेटे उत्पल पर्रिकर को उपचुनाव लड़ाने पर ज़ोर दे रहे हैं. वहीं पणजी से कुछ पार्टी कार्यकर्ता इस सीट पर पर्रिकर के ही भतीजे अखिल पर्रिकर को भी चुनाव लड़ाने में रुचि दिखा रहे हैं. इसके अलावा भाजपा के नेता और पूर्व विधायक सिद्धार्थ कुनकोलिंकर का नाम भी चल रहा है. फिल्हाल उत्पल अभी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार श्रीपद नाइक के समर्थन में प्रचार भी कर रहे हैं.

हाल ही में राज्य भाजपा के पार्टी नेताओं की बैठक हुई, जिसमें संभावित नामों पर चर्चा की गई. इसमें सबसे आगे दिवगंत नेता मनोहर पर्रीकर के बेटे उत्पल पर्रिकर का नाम आ रहा है. राज्य बीजेपी अपने उम्मीदवारों का पैनल तैयार करेगी. इसके बाद अंतिम निर्णय भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड द्वारा ही लिया जाएगा. 38 वर्षीय उत्पल पर्रिकर ने अमेरिका से मास्टर्स किया है. वे अभी अपना व्यवसाय कर रहे हैं और वे सक्रिय राजनीति में नहीं है. पणजी सीट पर 1994 से भाजपा का कब्ज़ा है और इस सीट से मनोहर पर्रिकर विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं.


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गोवा भाजपा के अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने दिप्रिंट हिंदी को बताया कि गोवा बीजेपी के कार्यकर्ताओं की मांग है कि पणजी सीट से मनोहर ​पर्रिकर के बेटे को चुनाव मैदान में उतारा जाए. वहीं इसके अलावा इस सीट से पूर्व विधायक सिद्धार्थ कुनकोलिंकर और एक अन्य भाजपा नेता गौरी दौंड का नाम भी चल रहा है. 23 अप्रैल को एक बैठक होगी, जिसमें नामों पर विचार किया जाएगा. जो भी फैसला होगा वह ​केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा ही लिया जाएगा. वहीं कुछ कार्यकर्ताओं ने अखिल पर्रिकर का नाम भी लिया है, लेकिन अभी ऐसा कुछ तय नहीं है. वे मापोसा क्षेत्र में पार्टी के लिए काम कर रहे हैं.

बेटे के चुनाव लड़ने से भाजपा को फायदा

गोवा के वरिष्ठ पत्रकार किशोर गांवकर ने दिप्रिंट को ​बताया कि `पणजी सीट के लिए बिजनेसमैन, एडवोकेट, प्रोफेशनल की राय बहुत मत्वपूर्ण रखती है. इन सभी का मानना है कि उपचुनाव में मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल को ही टिकट दिया जाना चाहिए. पार्टी इनकी राय पर बहुत गंभीरता से इस पर विचार कर रही है.`

`विधानसभा में बहुमत के लिए भाजपा के लिए एक एक सीट बहुत महत्वपूर्ण है. पार्टी की यह रणनीति है कि वह यहां से उत्पल पर्रिकर को चुनाव लड़ने के लिए मना ले. अगर उत्पल लड़ते हैं तो उन्हें मनोहर पर्रिकर के लिए किए गए कामों और उनकी छवि का सीधा फायदा तो मिलेगा ही साथ ही सहानुभूति वोट भी हासिल कर सकेंगे.`

गांवकर कहते हैं `पार्टी ने इस संदर्भ में उत्पल से चर्चा भी की है लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार नहीं ​किया है. हर बार उत्पल यही कहते हैं समय आने पर तय करूंगा कि मुझे चुनाव लड़ना है या नहीं.`

`जहां तक पर्रिकर के भतीजे अखिल के चुनाव लड़ने की बात है तो उनके समर्थक उनका नाम चुनाव लड़ने के लिए चला रहे हैं. अखि​ल पार्टी के लिए लंबे समय से पणजी अन्य क्षेत्र में काम कर रहे हैं.`

मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद पणजी उपचुनाव लड़ने के लिए उत्पल पर्रिकर का नाम चलाया जा रहा है, लेकिन कई बार वे मीडिया से चर्चा में चुनाव लड़ने को इंकार भी कर चुके हैं. वहीं पर्रिकर के भतीजे अखिल पार्टी के लिए पणजी और मापुसा क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे हैं. वह सोशल मीडिया पर भी बेहद सक्रिय हैं. अब यह भाजपा को तय करना है कि लोकप्रिय नेता मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद जो जनभावना उमड़ी उसको भुनाने के लिए परिवार के ही किसी सदस्य को टिकट दे या फिर किसी अन्य जमीनी को.

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