नई दिल्ली: चक्रवात बिपरजाॅय के मद्देनजर, भारतीय रेलवे ने आपदा प्रबंधन टीम को सक्रिय कर दिया है और सुचारू रेल संचालन सुनिश्चित करने के लिए गुजरात के कई जिलों में आपातकालीन नियंत्रण कक्ष भी खोले गए हैं.
सूचना एवं प्रकाशन रेलवे बोर्ड के निदेशक शिवाजी सुतार ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी के साथ पर्याप्त जनशक्ति और मशीनरी तैनात की गई है.
गुजरात के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा कि चक्रवात बिपारजॉय के मद्देनजर राज्य सरकार, केंद्र सरकार अलर्ट पर है. हमारे पास एनडीआरएफ की 12 टीमें हैं और उन्हें कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, जामनगर, देवभूमि द्वारका, गिर सोमनाथ, मोरबी और राजकोट जिलों में तैनात किया गया है. केंद्र से 3 टीमें हमारे पास आ चुकी हैं और उन्हें राजकोट, गांधीधाम, कच्छ में रिजर्व में रखा गया है.
बता दें कि हाई अलर्ट के बीच आईएमडी ने जानकारी दी कि चक्रवाती तूफान कमजोर हो गया और 11.30 बजे पोरबंदर के लगभग 310km दक्षिण-पश्चिम, देवभूमि द्वारका के 320km दक्षिण-पश्चिम, जखाऊ पोर्ट के 380km दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम पर केंद्रित है और 15 जून की शाम तक जखाऊ पोर्ट (गुजरात) को पार करेगी.
रेलवे ने अपने नेटवर्क पर भावनगर, महुवा, वेरावल से पोरबंदर, ओखा से हापा और गांधीधाम क्षेत्र सहित संवेदनशील खंडों की पहचान की है.
मौसम विभाग का अनुमान है कि 14 तारीख की शाम को मांडवी-जखाऊ बंदरगाह के पास चक्रवात दस्तक देगा.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि बिपरजॉय के कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के निकट गुरुवार को टकराने की आशंका है, तब तक यह ‘बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान’ बन जाएगा और इस दौरान 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से हवा चलने की संभावना है.
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय परिवाहक ने अपने नेटवर्क और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपायों को लागू किया है.
रेलवे ने जोनल रेलवे मुख्यालय में आपदा प्रबंधन कक्ष को सक्रिय कर दिया है और विभिन्न विभागों द्वारा चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है. उसने भावनगर, राजकोट, अहमदाबाद और गांधीधाम में मंडल मुख्यालयों में आपातकालीन नियंत्रण कक्षों का संचालन भी किया है.
रेल मंत्रालय ने कई स्थानों पर हवा की गति की नियमित निगरानी और हवा का वेग 50 किमी प्रति घंटे से अधिक होने पर ट्रेनों को विनियमित या बंद करने के निर्देश, वास्तविक समय की निगरानी और समन्वय के लिए ऑनलाइन समूहों का गठन, और मौसम विभाग की वेबसाइट की लगातार निगरानी समेत कई कदम उठाए हैं.
उसने जोनों को आपातकालीन निकासी के लिए पर्याप्त डीजल इंजन और डिब्बों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसने ‘डबल-स्टैक कंटेनरों’ की लोडिंग को भी निलंबित कर दिया है और उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इसने यात्री ट्रेनों के कार्यक्रम की समीक्षा करने और चक्रवात की स्थिति के आधार पर आवश्यक निर्णय लेने का भी आदेश दिया है.
वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 15 और 16 जून को दिल्ली में भी बादल छाए रहने और हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना व्यक्त की है.
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