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Tuesday, 5 November, 2024
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चक्रवाती तूफान बिपरजॉय लेगा और गंभीर रूप- IMD ने कच्छ, सौराष्ट्र में जारी किया ऑरेंज अलर्ट, PM ने की बैठक

अधिकारियों ने कहा कि चक्रवाती तूफान के प्रभाव से तेज हवाएं चलेंगी और क्षेत्र में भारी बारिश होगी, जिससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

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नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले लिए सौराष्ट्र-कच्छ तटीय इलाकों में पहुंचने की आशंका के मद्देनजर गुजरात के दक्षिण तथा उत्तरी तटों पर मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई है, साथ ही प्राधिकारी समुद्र तटीय जिलों में रहने वाले लोगों को वहां से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं.

चक्रवात तेजी से गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है और वर्तमान में अरब सागर से गुजर रहा है. तटीय देवभूमि द्वारका में अधिकारियों ने बताया कि अब तक करीब 1,300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात बिपरजॉय से संबंधित स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की.

आईएमडी ने ट्वीट किया, “भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को चक्रवात बिपरजॉय के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया हैं.”

पोरबंदर के डीएम केडी लखानी ने चक्रवात की तैयारियों पर बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि तूफान के प्रभावों की तैयारी के लिए जिला प्रशासन सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ हाथ मिला रहा है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने ताजा बुलेटिन में बताया कि ‘अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान’ के उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और सौराष्ट्र, कच्छ तथा मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच पाकिस्तान के तटों को 15 जून को दोपहर तक पार करने की संभावना है. तब तक यह ‘बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान’ बन जाएगा और इस दौरान 125-130 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से हवा चलने की संभावना है.

बुलेटिन में कहा गया कि रविवार रात तक अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय मुंबई से लगभग 540 किमी पश्चिम में, पोरबंदर से 360 किमी दक्षिण-पश्चिम में, देवभूमि द्वारका से 400 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में, नलिया से 490 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और पाकिस्तान में कराची से 660 किमी दक्षिण में स्थित था.

अधिकारियों ने कहा कि चक्रवाती तूफान के प्रभाव से तेज हवाएं चलेंगी और क्षेत्र में भारी बारिश होगी, जिससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

उन्होंने कहा कि कच्छ जिले के तटीय इलाकों में धारा 144 लागू की गई है और स्थानीय प्रशासन सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्रों में समुद्र के करीब रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है.

आईएमडी ने प्रभावित क्षेत्रों में मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने की सलाह दी है और मछुआरों को 15 जून तक मध्य अरब सागर तथा सोमवार को उत्तर अरब सागर में नहीं जाने का निर्देश दिया गया है.

केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को अपतटीय एवं तटवर्ती गतिविधियां नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही सौराष्ट्र तथा कच्छ के तटीय इलाकों सहित कच्छ, देवभूमि, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरी जिलों से लोगों को हटा कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने को कहा है.

आईएमडी ने कच्छ, देवभूमि, द्वारका और जामनगर के कुछ इलाकों में 15 जून को भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है.

आईएमडी ने कहा कि तट के करीब सौराष्ट्र क्षेत्र के अन्य जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होगी, जबकि उत्तर गुजरात के जिलों में कुछ स्थानों पर भी भारी वर्षा होगी.


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