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Monday, 25 November, 2024
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‘कोई काम नहीं किया’, दिल्ली के LG ऑफिस ने यमुना की सफाई पर टिप्पणी को लेकर सौरभ भारद्वाज पर साधा निशाना

प्रतिक्रिया देते हुए एलजी हाउस के अधिकारियों ने कहा, मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा जारी किया गया बयान हास्यास्पद, जन-विरोधी और खास कर दिल्ली-विरोधी है.

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नई दिल्ली: एलजी हाउस के अधिकारियों ने यमुना नदी की सफाई पर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की ‘निष्क्रियता’ के बाद ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था.

हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज द्वारा ने कहा कि दिल्ली के एलजी को अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा किए गए कार्यों के लिए “क्रेडिट लेने” से पहले कोई ऐसी परियोजना के बारे में बताना चाहिए जो उन्होंने शुरू की हो, जिसके बाद एलजी ऑफिस ने ये बयान जारी किया.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एलजी हाउस के अधिकारियों ने कहा, मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा जारी किया गया बयान हास्यास्पद, जन-विरोधी और दिल्ली-विरोधी है. विज्ञापन जारी करने और बैनर फहराने के अलावा अगर दिल्ली सरकार ने पिछले आठ वर्षों के दौरान यमुना की सफाई के संबंध में एक भी ठोस काम किया होता, तो एनजीटी ने इस मोर्चे पर निष्क्रियता के लिए दिल्ली सरकार को फटकार नहीं लगाई होती और न ही एक विशेष उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया होता और उपराज्यपाल से इसकी अध्यक्षता करने का अनुरोध किया होता.

अधिकारियों ने 9 जनवरी, 2023 के एनजीटी के आदेश का हवाला दिया, जिसमें एनजीटी ने देखा था कि यमुना नदी की सफाई के संबंध में स्थिति “असंतोषजनक” बनी हुई है और एक उच्च स्तरीय समिति के गठन का आदेश दिया था.

एनजीटी बेंच ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले और इस ट्रिब्यूनल के आदेशों का उल्लंघन करते हुए स्थिति काफी हद तक असंतोषजनक बनी हुई है, और जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ हैं.”

इसमें कहा गया कि “उपरोक्त चर्चा के बाद, हम दिल्ली में संबंधित अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय समिति (एचएलसी) का गठन करते हैं, जहां यमुना का प्रदूषण अन्य नदी घाटियों वाले राज्यों की तुलना में अधिक (लगभग 75 प्रतिशत) है. हम उपराज्यपाल, दिल्ली, जो संविधान के अनुच्छेद 239 के तहत डीडीए के अध्यक्ष और दिल्ली के प्रशासक हैं, से समिति का नेतृत्व करने का अनुरोध करते हैं.”

दिल्ली सरकार के काम की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, जिन नालों में अनुपचारित सीवेज छोड़ा जा रहा है, उन्हें बीच में नहीं रोका जाता है और न ही मोड़ा जाता है ताकि अनुपचारित सीवेज नदी में न जा सके. डीजेबी ने अभी तक नजफगढ़ और शाहदरा नालों में गिरने वाले 147 नालों को ट्रैप नहीं किया है और नालों के विभिन्न खंडों के ट्रैपिंग के प्रत्येक चरण के लिए समय-सीमा अभी विशिष्ट अधिकारियों को सौंपी जानी है.

उन्होंने आगे कहा, डीजेबी ने अभी तक यह सुनिश्चित नहीं किया है कि जिन क्षेत्रों में सीवरेज नेटवर्क प्रदान किया गया है, उन सभी घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा गया है और पर्यावरणीय मुआवजा अभी तक लगाया जाना बाकी है.

अधिकारी ने भारद्वाज को इस “अनावश्यक कीचड़ उछालने” से बचने के लिए भी कहा, खासकर ऐसे समय में जब उनकी और उनकी सरकार की ओर से “पूर्ण निष्क्रियता” के आठ साल बाद, यमुना और दिल्ली के लोगों के लिए चीजें बेहतर दिखने लगी थीं.

भारद्वाज की टिप्पणी समयबद्ध तरीके से यमुना नदी को साफ करने के उपराज्यपाल के दावे के जवाब में आई थी.

आप नेता ने इस बात पर जोर दिया था कि मुख्यमंत्री द्वारा नवंबर 2021 में घोषित व्यापक छह सूत्रीय कार्य योजना के अनुसार यमुना की सफाई के प्रयासों में की गई सभी प्रगति को निष्पादित किया गया है.


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