मुंबई: महत्वपूर्ण मुंबई नगर निकाय चुनावों से पहले, कांग्रेस ने अपने मुंबई प्रमुख भाई जगताप को हटाकर वर्षा गायकवाड़ को नियुक्त किया – इस पद पर नियुक्त होने वाली वह पहली महिला हैं.
जगताप दिसंबर 2020 से मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे. धारावी की विधायक गायकवाड़ पार्टी का दलित चेहरा हैं. उनके पिता एकनाथ गायकवाड़ ने मुंबई कांग्रेस प्रमुख के रूप में भी काम किया था.
“यह केवल कांग्रेस में ही हो सकता है, जो पार्टी महामानव, भारत रत्न डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर के प्रगतिशील, समावेशी भारत के सपने को पोषित करती है. मेरे लिए उस पद पर कदम रखना एक भावनात्मक क्षण है, जिस पर कभी मेरे पिता का कब्जा था.”
I want to thank Congress President Shri @kharge ji , Smt. Sonia Gandhi ji, Shri @RahulGandhi ji, Smt. @priyankagandhi ji and the entire Congress parivar for making an ordinary Congress worker’s daughter, a Dalit woman the president of the Mumbai Congress. This can only happen in…
— Prof. Varsha Eknath Gaikwad (@VarshaEGaikwad) June 9, 2023
गायकवाड़ ने 2004 में धारावी से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और वहां से चार बार विधायक रह चुकी हैं. वह 2009 में पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार और 2019 में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं.
मुंबई में सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स में गणित की प्रोफेसर, गायकवाड़ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री थीं.
उन्होंने सीएम अशोक चव्हाण की सरकार में 2009 में चिकित्सा शिक्षा, उच्च और तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री का भी पद संभाला था. बाद में उन्हें महिला और बाल विकास का प्रभार भी दिया गया.
गायकवाड़ के सामने अब एक वर्ष के भीतर होने वाले लोकसभा, विधानसभा और बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के चुनावों की चुनौती है.
वह मुंबई के 36 निर्वाचन क्षेत्रों में से पार्टी के केवल चार विधायकों में से एक हैं. पार्टी के पास वर्तमान में मुंबई से कोई सांसद नहीं है.
दिप्रिंट ने कॉल के जरिए जगताप और गायकवाड़ तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
जगताप का हटाया जाना
कांग्रेस सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि जगताप की मुसीबतें तब शुरू हुईं जब उन्होंने जून 2022 में महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस की पहली पसंद चंद्रकांत हंडोरे को हराया. एमवीए सरकार के गिरने के बाद उनको हटाने की प्रक्रिया में देरी हुई.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आलाकमान ने हंडोरे की हार पर ध्यान दिया है. नेता ने कहा, “यह उनके खिलाफ चला गया.
तथ्य यह है कि हमारी पहली पसंद वाले नेता हार गए और जगताप, जो हमारी दूसरी पसंद थे, के चुने जाने से गलत संदेश गया,”
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, गायकवाड़ सहित मुंबई के विधायक भी जगताप के अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हस्तक्षेप से नाखुश थे और उन्हें हटाने की मांग की.
जगताप का बांद्रा (पूर्व) के विधायक जीशान सिद्दीकी के साथ भी सार्वजनिक विवाद हुआ था, जिन्होंने तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को नवंबर 2021 में एक सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन के दौरान जगताप द्वारा गलत भाषा के इस्तेमाल और “बुरे व्यवहार” के बारे में लिखा था.
एक अन्य विधायक, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, ने दिप्रिंट को बताया, “ऐसा लगता है जैसे वह एक निजी कंपनी चला रहे थे.
वह हममें से किसी को भी शामिल नहीं करते हैं और सब कुछ खुद ही करते हैं. लेकिन ऐसे काम नहीं चलेगा.
बीएमसी चुनाव
कांग्रेस के पास मुंबई में एक पारंपरिक वोट बैंक है, लेकिन 2017 के चुनावों में उसने खराब प्रदर्शन किया और 227 में से केवल 29 सीटों पर जीत हासिल की.
2019 में अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन करने के बाद, पार्टी इस बारे में अनिश्चित है कि बीएमसी चुनावों के लिए अकेले चुनाव लड़ा जाए या शिवसेना के साथ.
बीएमसी मार्च 2022 से राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक के शासन के अधीन है.
2021 में, जगताप ने घोषणा की कि कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी और बिना किसी गठबंधन के बीएमसी की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
हालांकि, शिवसेना में विभाजन और एमवीए सरकार के गिरने के बाद, कांग्रेस अभी भी गठबंधन पर कोई फैसला नहीं कर पाई है.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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