नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी. लालू प्रसाद करोड़ों रुपये के चारा घोटाले में जेल में बंद हैं. लालू प्रसाद के वकील कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश का हवाला दिया जिसमें अदालत ने ऐसे ही एक मामले में याचिकाकर्ता को जमानत दे दी थी। सिब्बल ने कहा कि लालू प्रसाद इन मामलों में पहले ही 22 महीने जेल की सजा काट चुके हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया कि उन्हें प्रत्येक मामले में सजा काटनी होगी. सिब्बल ने कहा, ‘इसमें कोई मांग और वसूली नहीं हुई है और यह साजिश का मामला है.’ इसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैं आपको जमानत दे सकता हूं.’ और विशेष राहत याचिका खारिज कर दी.
Supreme Court dismisses RJD president Lalu Prasad Yadav's bail plea in three cases of the multi-crore fodder scam. pic.twitter.com/0BTgu7qj7F
— ANI (@ANI) April 10, 2019
1996 में सामने आए चारा घोटाला मामले में पाया गया था कि 1990 के दशक की शुरुआत में मवेशियों के लिए फर्जी चारा और दवाओं के लिए राजकीय कोष से लगभग एक हजार करोड़ रुपये का गबन किया गया था.
राजद प्रमुख केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत द्वारा उन्हें घोटाले से संबंधित तीन मामलों में दोषी करार देने के बाद से रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. उन्हें 13 साल से ज्यादा की जेल की सजा पहले ही सुनाई जा चुकी है.
वहीं इससे पहले सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से लालू को जमानत नहीं देने की अपील की थी और कहा था कि लालू कैसे चुनाव के वक्त ठीक हो जाते हैं जबकि वह स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देकर ज्यादातर अस्पताल के वीआईपी वार्ड में बिताते हैं.