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Thursday, 21 November, 2024
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‘आगामी चुनाव में BJP के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे’, CM गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी खींचतान पर विराम

15 मई को सचिन पायलट ने राज्य में पिछले बीजेपी के शासन के दौरान हुए कथित पेपर लीक घोटाले की जांच के लिए राजस्थान में अपनी ही पार्टी की सरकार को एक अल्टीमेटम दिया था.

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नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी सियासी खींचतान पर विराम लगाते हुए सोमवार को एक बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि दोनों नेता आगामी चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे.

राजस्थान के सीएम गहलोत और सचिन पायलट के साथ कांग्रेस प्रमुख और राहुल गांधी के बीच चर्चा राष्ट्रीय राजधानी में कथित तौर पर चार घंटे तक चली.

चर्चा के बाद मीडिया से बात करते हुए केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हमने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. निश्चित रूप से हम राजस्थान में चुनाव जीतेंगे. अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पर सहमति जताई है.’’

गौरतलब है कि इस साल के आखिर में राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव होने हैं और सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच 2020 से सत्ता को लेकर खींचतान चल रही है.

ये बैठक खड़गे के आवास ‘10 राजाजी मार्ग’ पर हुई. इस दौरान कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, राहुल गांधी भी मौजूद थे.

मुलाकात से पहले गहलोत ने कहा था कि कांग्रेस आलाकमान आज भी इतना मजबूत है कि कोई नेता यह कहने की हिम्मत नहीं कर सकता कि वे अपनी पसंद का पद लेगा या फिर पार्टी उसे मनाने के लिए पद की पेशकश करे.

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हमने फैसला किया है और दोनों नेता एकजुटता दिखाने के लिए सहमत हैं. यह भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त लड़ाई होगी, हम राजस्थान ज़रूर जीतेंगे.’’

इससे पहले दिन में राजस्थान में राजनीतिक खींचतान को देखते हुए, कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत और उनके डिप्टी सचिन पायलट को राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ अलग-अलग बैठकों के लिए बुलाया था.

राज्य की स्थिति पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल 30 मई को राष्ट्रपति द्रौपदाई मुर्मू से मुलाकात करेगा.

15 मई को सचिन पायलट ने राज्य में पिछले बीजेपी के शासन के दौरान हुए कथित पेपर लीक घोटाले की जांच के लिए राजस्थान में अपनी ही पार्टी की सरकार को एक अल्टीमेटम दिया था.

राज्य में पिछली वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार के मामलों में राजस्थान सरकार की निष्क्रियता के विरोध में पायलट, गहलोत को आड़े हाथों ले रहे हैं.

उन्होंने गहलोत सरकार से कहा है कि अगर इस महीने तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह प्रदेश भर में आंदोलन करेंगे.

पायलट ने हाल में तीन मांगें रखी थीं, जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करना और इसका पुनर्गठन, सरकारी परीक्षा के पेपर लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे नीत सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराना शामिल है.


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