जिस तरह से विरोध करने वाले पहलवानों को जंतर-मंतर से निकाला गया, उससे पता चलता है कि खेल के प्रति इस सरकार की प्रतिबद्धता महज एक छलावा है. सरकार ने एक एक महीने से अधिक समय तक उन्हें नजरअंदाज और उनकी उपेक्षा करने के बाद उठाया गया कदम है. यह निराशाजनक है कि सरकार किसकी रक्षा कर रही है और क्यों.
होम50 शब्दों में मतप्रदर्शनकारी पहलवानों को जंतर-मंतर से हटाना दिखाता है कि खेल के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता एक दिखावा है
प्रदर्शनकारी पहलवानों को जंतर-मंतर से हटाना दिखाता है कि खेल के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता एक दिखावा है
दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.
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