scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होमदेशमणिपुर में अब तक सुरक्षा बलों ने 40 उग्रवादियों को मार गिराया, झड़प में दो लोगों की मौत, 12 घायल

मणिपुर में अब तक सुरक्षा बलों ने 40 उग्रवादियों को मार गिराया, झड़प में दो लोगों की मौत, 12 घायल

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेगा.

Text Size:

नई दिल्ली: मणिपुर में चल रहे हिंसक झड़प के बीच रविवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है.

मुख्यमंत्री सचिवालय के दरबार हॉल में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमने कड़ी कार्रवाई की है. अब तक हमारे पास रिपोर्ट है कि लगभग 40 आतंकवादी मारे गए हैं.” इससे पहले दिन में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सिंह से मुलाकात की और मणिपुर में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और शांति बहाल करने के लिए सेना द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में लोगों पर गोलीबारी और उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़पों की अलग-अलग घटनाओं में रविवार को दो लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए.

उन्होंने बताया कि इंफाल पश्चिम जिले के फयेंग में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया. अधिकारियों ने बताया कि सुगनू में हुई गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया. सुगनू में छह और सेरौ में चार अन्य लोग घायल हो गए.

अधिकारियों ने बताया कि ताजा संघर्ष तब शुरू हुआ जब सेना ने शांति कायम करने के लिए समुदायों को हथियारों से मुक्त करने को लेकर तलाशी अभियान शुरू किया.

मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है.

राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हालिया दौर की ‘‘झड़प समुदायों के बीच नहीं बल्कि कुकी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई है.’’

सिंह ने यह भी कहा कि सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा एके-47, एम-16 और स्नाइपर राइफल से लोगों पर गोलीबारी करने के मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में इन उग्रवादियों को निशाना बनाया.

मुख्यमंत्री ने लोगों से सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही में बाधा नहीं डालने की अपील की और उनसे ‘‘सरकार में विश्वास रखने और सुरक्षा बलों का समर्थन करने’’ का आग्रह किया. सिंह ने कहा, ‘‘हमने इतने लंबे समय तक कठिनाइयों का अनुभव किया है और हम राज्य को कभी भी बिखरने नहीं देंगे.’’

उन्होंने कहा कि आम नागरिकों की हत्याओं और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तथा घरों में आगजनी में शामिल कई कुकी उग्रवादियों को जाट रेजीमेंट ने पकड़ लिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ‘‘दोनों पक्षों में लोगों के हताहत होने से काफी दुखी है’’ और उन्होंने‘‘स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव कदम उठाने’’ का आश्वासन दिया.

उन्होंने कहा कि इंफाल घाटी के आसपास के इलाकों में आम लोगों के घरों पर हिंसक हमलों की घटनाओं में तेजी सुनियोजित लगती है. सिंह ने इसे ‘‘अत्यंत निंदनीय’’ बताया विशेष रूप से तब जब केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय मणिपुर में हैं और अमन-चैन के लिए शांति मिशन बनाए जा रहे हैं.

सिंह ने कहा कि 38 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है और राज्य पुलिस वहां अभियान चला रही है.

एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पश्चिम इंफाल के उरीपोक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि सिंह के आवास में तोड़फोड़ की गई और उनके दो वाहनों में आग लगा दी गई.

उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी जातीय उग्रवादी समूहों के साथ-साथ उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच कई स्थानों पर तड़के झड़प हुई. अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारी जानकारी के मुताबिक, काकचिंग में सुगनू, चूड़ाचांदपुर में कांगवी, इंफाल पश्चिम में कांगचुप, इंफाल पूर्व में सगोलमंग, बिशेनपुर में नुंगोईपोकपी, इंफाल पश्चिम में खुरखुल और कांगपोकपी में वाईकेपीआई से गोलीबारी की सूचना मिली है.’’

अधिकारी ने कहा कि काकचिंग थाने से मैतेई समूह द्वारा हथियार लूटे जाने की भी अपुष्ट सूचना मिली है. उन्होंने कहा कि काकचिंग जिले के नपाट, सेरौ और पास के सुगनू में उग्रवादियों ने मैतेई समुदाय के लगभग 80 घरों में आगजनी की, जिसके कारण ग्रामीणों को आधी रात को भागना पड़ा.

मणिपुर घाटी के पूर्वी हिस्से में, इंफाल पूर्वी जिले के याईंगंगपोकपी में हथियारबंद उग्रवादियों ने हमला किया और दो घरों में आग लगा दी और ग्रामीणों पर गोलीबारी की.

इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई में, सशस्त्र उग्रवादियों ने हमला किया, जिसके कारण दोनों ओर से गोलीबारी हुई. बिष्णुपुर जिले में, सशस्त्र कुकी उग्रवादियों ने शनिवार रात फौगकचाओ इखाई, तोरबंग और कांगवई क्षेत्रों पर हमला किया, जिसमें मैतेई समुदाय के तीस से अधिक घर आग के हवाले कर दिए.

पिछले कुछ घंटों में हुई हिंसा के कारण जिला अधिकारियों ने इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिले में कर्फ्यू में 11 घंटे की छूट को घटाकर केवल साढ़े छह घंटे का कर दिया.

मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गई.

आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर पहले से तनाव गहराया हुआ था. मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं.

राज्य में हालात सामान्य करने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ी, जिनमें 10,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं.


यह भी पढ़ें: महिला महापंचायत के लिए दिल्ली आ रहे किसान नेताओं, कार्यकर्ताओं को हरियाणा पुलिस ने हिरासत में लिया


 

कांग्रेस का बीजेपी पर हमला

वहीं कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए रविवार को कहा कि वहां एक भयावह त्रासदी सामने आ रही है, जबकि प्रधानमंत्री अपने ‘खुद के राज्याभिषेक’ को लेकर अभिभूत हैं.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक, मणिपुर के हालात को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेगा.

उन्होंने कहा कि मणिपुर में हिंसा के 25 दिन बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बहुप्रतीक्षित इंफाल यात्रा की पूर्व संध्या पर चीज़ें बद से बदतर हो गई हैं.

रमेश ने ट्विटर पर कहा, “अनुच्छेद-355 लागू किए जाने के बावजूद, राज्य में कानून-व्यवस्था और प्रशासन पूरी तरह से चरमरा गया है.”

उन्होंने मोदी द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन का जाहिर तौर पर संदर्भ देते हुए कहा, “एक भयानक त्रासदी (मणिपुर हिंसा) सामने आ रही है, जबकि प्रधानमंत्री अपने ‘खुद के राज्याभिषेक’ को लेकर अभिभूत हैं. उनकी ओर से शांति की एक भी अपील नहीं की गई है और न ही समुदायों के बीच विश्वास की पुन:बहाली के लिए कोई वास्तविक प्रयास किया गया है.”


यह भी पढ़ें: ‘नया देश मुबारक हो’- नई संसद के पास महिला महापंचायत से पहले पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लिया


 

share & View comments