नई दिल्ली: कर्नाटक में के विधायक सरकार गठन पर चर्चा करने के लिए आज शाम यहां बैठक करेंगे, जिसमें वे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अपनी राय देंगे.
निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्दरमैया और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष डी के शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं.
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट जीतीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्यूलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं और चार सीट अन्य ने जीती हैं.
कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम साढ़े पांच बजे शुरू होने की संभावना है और नवनिर्वाचित विधायकों को पहले ही बेंगलुरु आने का निर्देश दे दिया गया है.
आठ बार के विधायक शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा सार्वजनिक रूप से जाहिर की है.
कांग्रेस ने खासतौर से सिद्दरमैया और शिवकुमार के खेमों के बीच गुटबाजी को दूर रखने की चुनौती के साथ चुनाव प्रचार अभियान में प्रवेश किया था.
अब अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के हाथ में सभी धड़ों को एक साथ लेकर विधायक दल के नेता का चयन करने की प्रक्रिया पूरी करने का जिम्मा है.
सिद्दरमैया और शिवकुमार के आवास पर समर्थकों ने बैनर लगाए हैं जिसमें उन्हें कांग्रेस की जीत के लिए बधाई दी गई है और उन्हें ‘‘अगला मुख्यमंत्री’’ बताया गया है.
शिवकुमार (60) को पार्टी के लिए ‘‘संकटमोचक’’ माना जाता है जबकि सिद्दरमैया का पूरे कर्नाटक में प्रभाव है.
अगर जद(एस) से निलंबित होने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले सिद्दरमैया को विधायक दल का नेता चुना जाता है तो यह मुख्यमंत्री के तौर पर उनका दूसरा कार्यकाल होगा. वह 2013-18 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे. शिवकुमार उनके मंत्रिमंडल में मंत्री रहे थे.
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, नव निर्वाचित विधायकों की राय ली जाएगी और उसके आधार पर उन्हें जरूरत पड़ने पर अपने नेता के लिए वोट करने को भी कहा जा सकता है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अपने मत प्रतिशत में चार प्रतिशत से अधिक का सुधार किया जिससे उसकी सीटों की संख्या 130 के पार पहुंच गई.
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस के मत प्रतिशत में जहां एक ओर चार प्रतिशत का इजाफा हुआ, वहीं जनता दल (सेक्युलर) को मिलने वाले वोटों में पांच प्रतिशत से अधिक की कमी आई है.
कांग्रेस की जीत से पार्टी को राज्य में अगले साल रिक्त हो रही राज्यसभा की चार सीटों में से तीन पर अपने उम्मीदवारों को जिताने में मदद मिलने की संभावना है.
राज्य से चार राज्यसभा सदस्यों – कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन, जी सी चंद्रशेखर और एल हनुमंथैया के अलावा भाजपा के केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कार्यकाल 2024 में समाप्त हो रहा है.
शनिवार को राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से 65 पर जीत हासिल करने वाली भाजपा अगले साल अपने एक उम्मीदवार को राज्यसभा के लिए भेज पाएगी.
भाजपा के पास वर्तमान में कर्नाटक से छह राज्यसभा सदस्य हैं, जिनमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हैं. राज्य की 12 राज्यसभा सीटों में से कांग्रेस के पांच और जनता दल (सेक्युलर) के एक सदस्य हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा जनता दल (सेक्युलर) के राज्यसभा में एकमात्र सदस्य हैं. देवेगौड़ा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कार्यकाल 2026 में भाजपा के इरन्ना कदली और नारायण कोरागप्पा के साथ समाप्त होगा.
सीतारमण समेत चार अन्य सदस्यों का कार्यकाल 2028 में खत्म होगा.
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