नई दिल्ली: आईपीएल के इतिहास का सबसे तेज अर्धशतक जड़ने वाले यशस्वी जायसवाल जब शुरूआती मैचों में अर्धशतकीय पारियां खेल रहे थे तब उनके कोच और मेंटोर ज्वाला सिंह ने उन्हें सलाह दी कि जिंदगी में अलग बनना है तो कुछ खास करना पड़ेगा और उसके बाद से उन्होंने आईपीएल के इस सत्र को अपने लिये खास बना डाला .
कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ ईडन गार्डंस पर बृहस्पतिवार को यशस्वी ने 200 से ऊपर की स्ट्राइक रेट से 47 गेंद में नाबाद 98 रन बनाकर टीम को नौ विकेट से जीत दिलाई. उन्होंने महज 13 गेंद में अर्धशतक बनाकर केएल राहुल और पैट कमिंस (14 गेंद) का रिकॉर्ड तोड़ा . इसके साथ ही इस सत्र में उनके 12 मैचों में 575 रन हो गए हैं और ‘आरेंज कैप’ की दौड़ में वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के कप्तान फाफ डु प्लेसी से महज एक रन पीछे दूसरे स्थान पर हैं .
पिछले दस साल से उनके कोच और मार्गदर्शक ज्वाला ने मुंबई से कहा ,‘‘जिस तरह से वह खेल रहा है और इतने महान बल्लेबाजों के बीच आरेंज कैप की तरफ जा रहा है . यह तो हमारा सपना था जो सच हो रहा है .’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मार्च में ईरानी ट्रॉफी के पहले मैंने उसे मैसेज भेजा था कि जिंदगी में अलग बनना है तो कुछ खास करना पड़ेगा . उसने दोहरा शतक और शतक समेत शेष भारत के लिये रिकॉर्ड 357 रन बनाये . इसी तरह आईपीएल के पहले कुछ मैचों में उसने अर्धशतक बनाकर वाहवाही पाई तो मैने उसको यही बोला कि लोगों की तालियों पर मत जाओ क्योंकि तुम्हें इससे बेहतर करना है .’’
मुंबई में यशस्वी के सरपरस्त रहे ज्वाला ने कहा ,‘‘ मैने उससे कहा कि तुम्हारा सर्वश्रेष्ठ तो अभी आया ही नहीं है . उसने फिर चेन्नई के खिलाफ 77 रन बनाये और मुंबई के खिलाफ शतक जमाया . जब भी मैने उसे चुनौती दी है तो उसने हमेशा कुछ अलग किया है.’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैने उसे यह भी कहा कि खुद को युवा मत समझा कि बड़े खिलाड़ियों को देखकर सीखेगा और ऐसे ही चलते रहेगा . यह उसका चौथा सत्र है और उसे कुछ असाधारण करना ही था . उसने मेरी सीख को सकारात्मक लिया और राजस्थान रॉयल्स टीम में उसे घर जैसा माहौल और खुलकर खेलने की छूट मिली . उसकी बल्लेबाजी निखारने में वसीम जाफर ने भी काफी मदद की है .’’
उन्होंने कहा कि यशस्वी की बचपन से आदत है कि वह पहले थोड़ा समय लेता है लेकिन एक बार लय में आने के बाद वह रूकता नहीं है .
उन्होंने कहा ,‘‘ जब 2013 में आजाद मैदान से मैं उसे अपने घर लाया था और वह स्कूल क्रिकेट भी खेला तो पहले कुछ पारियां खराब रही और कोचों की शिकायत आने लगी लेकिन फिर उसी सत्र में उसने 16 शतक बनाये .वह पहले चीजों को समझने में समय लेता है और एक बार जमने पर वह नंबर वन बन जाता है .’’
मैंने उसे अपने बच्चे की तरह पाला है
यह पूछने पर कि घरेलू सत्र के बाद अब आईपीएल में भी उम्दा प्रदर्शन से क्या भारतीय टीम के दरवाजे उसके लिये खुलते नजर आ रहे हैं, ज्वाला ने कहा ,‘‘ भारतीय टीम तक जाने के लिये जो मानदंड होते हैं, वह उन पर खरा उतरता जा रहा है . रणजी ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी, मुश्ताक अली, विजय हजारे ट्रॉफी में उसका प्रदर्शन अच्छा रहा है . वह अंडर 19 में खुद को साबित कर चुका है और आईपीएल में भी अच्छा खेल रहा है .’’
उन्होंने कहा,‘‘ आईपीएल में इतने धुरंधर अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों के सामने भी वह इस तरह से खेल रहा है तो कोई वजह नहीं दिखती कि वह भारत के लिये नहीं खेले . हमें बीसीसीआई और चयनकर्ताओं पर पूरा भरोसा है . खिलाड़ी का काम अपना प्रदर्शन करना है और आगे बीसीसीआई का काम है . वह प्रोसेस पर फोकस करता है और मैने उसे यही सिखाया है . भारत के लिये खेलना ही नहीं बल्कि मुझे तो लगता है कि वह दुनिया का सबसे अच्छा क्रिकेटर बने .’’
मुंबई में अपनी क्रिकेट अकादमी चलाने वाले ज्वाला ने यह भी कहा कि यशस्वी के साथ पानी पुरी बेचने की कहानी बार बार जोड़ने से उन्हें तकलीफ होती है .
उन्होंने कहा ,‘‘ 17 दिसंबर 2013 से लेकर 12 जनवरी 2022 तक वह मेरे साथ , मेरे घर में मेरे बेटे की तरह रहा है . मैने उसे सारी सुविधायें दी क्योंकि उसके जरिये मैं एक उम्दा क्रिकेटर बनने के अपने सपने को जी रहा था . इसलिये जब कोई कहता है कि पानी पुरी बेचकर वह यहां तक पहुंचा तो मेरे प्रयासों और मेरी तपस्या का अपमान होता है जो तकलीफ देता है .’’
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