नई दिल्ली: हरियाणा के ये पांच स्टार हैं जो आपको रागनी, कबड्डी, गौशाला से लेकर राजनीतिक प्रोग्राम्स में दिख जाएंगे. कोई फौजी हैं तो कोई पत्रकार. किसी ने 8वीं से गाना शुरू किया तो किसी ने 10 साल बॉक्सिंग खेलने के बाद. लड़कियों ने जाति और जेंडर के रूल तोड़े. कभी मखौल का पात्र भी बने तो कभी सराहना भी मिली. इनके गानों ने यूट्यूब पर करोड़ों में व्यूज़ पाए हैं. मुरथल पराठे खाने जा रही गाड़ियों से लेकर गुड़गांव जैसी इंटरनेशनल सिटी के पबों में किसी न किसी हरियाणवी गाने की डिंमाड हो ही जाती है. आइए जानते हैं इन हरियाणवी स्टार्स की जिंदगी के बारे में.
अनु कादयान
झज्जर के बेरी से आती हैं. कई सालों से परिवार के साथ रोहतक में रह रही हैं. घरवालों ने हमेशा ही साथ दिया. अनु कहती हैं कि मैं पहली महिला जाट सिंगर हूं. वो 2007 में गायन के क्षेत्र में आई थीं. आने के दो महीने बाद ही एल्बम निकाला जो किसी महिला का पहला एल्बम था. पॉप सॉन्ग गाती हैं. उन्हें आत्मसंतुष्टि सोशल गाने गाकर ही मिलती है. वह कॉलेज फेस्ट में परफॉर्म करना ज़्यादा पंसद करती हैं.
अनु ने दिप्रिंट को बताया, ‘चुनाव के समय होने वाले प्रोग्राम्स में बहुत कम लड़कियां बुलाई जाती हैं. ज़्यादातर नेता महिला सिंगर्स की बजाय पुरुष कलाकार को बुलाना पंसद करते हैं. सबसे पहला कारण तो यही है कि अगर पार्टी किसी महिला कलाकार को चुनावी प्रचार में बुलाती है तो विरोधी पार्टियां उस महिला कलाकार का चरित्र हनन किया जाता है.’
अनु आगे बताती हैं कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में सभी पार्टियां संपर्क करती हैं. पार्टियों के साथ काम करने में बजट अहम भूमिका निभाता है. वह भी आने वाले चुनाव प्रचार के में अलग-अलग बैनरों तले होने वाले प्रोग्राम्स में नज़र आएंगी.
अजय हुड्डा
37 साल के अजय हुड्डा 2017 में ही आर्मी से रिटायर हुए हैं. 2002 में आर्मी में भर्ती होने के करीब 10 साल तक बॉक्सर रहे. एक एक्सिडेंट की वजह से खेलना बंद हो गया तो फिर लिखने की तरफ आ गए. रिटायर होते ही हरियाणा की म्यूज़िक इंडस्ट्री में जाना-माना नाम बन गए हैं. खुद ही लिखते हैं. खुद ही गा भी लेते हैं और अब तो एक्टिंग भी खुद ही कर लेते हैं. अजय ने ही ‘सॉलिड बॉडी’ गाना लिखा था और खुद ही उसमें एक्ट भी किया था. इसी गाने ने सपना को हरियाणा की पॉप क्वीन बना दिया. मासूम शर्मा से लेकर बाकी सारे कलाकर अजय से गाने लिखवाते हैं.
अजय ने दिप्रिंट को बताया कि वो प्रोग्राम्स में जाते ज़रूर हैं लेकिन राजनीति से उनका लेना-देना नहीं है. विचारधारा भी खास नहीं है. अजय का एक बच्चा है. जो 7वीं क्लास में पढ़ता है. वह रोहतक के खिड़वाली गांव में पैदा हुए. 15 साल 6 महीने तक का जीवन सेना को देकर अब रोहतक में ही रहते हैं.
अंजलि राघव
कानपुर से मां-बाप दिल्ली के खानपुर आ गए. पापा को कोई बीमारी थी. बहनें पहले इस इंडस्ट्री में आ गईं थी. तब वो 12वीं में पढ़ती थीं. बहनों के साथ शूट पर जाया करती थीं. सब कहते थे कि ये तो बच्ची सी दिखती है. एक दिन डायरेक्टर गजेंद्र फौगाट ने उनका मेच्योर मेकअप कराकर विडियो शूट किया. यह बेहतरीन रहा. इसके बाद अंजलि भी इस इंडस्ट्री में आ गईं. अंजलि को इस इंडस्ट्री में आए 9 साल हो गए हैं. लेकिन उनके पापा को अपनी बेटियों का इस फील्ड में आना अच्छा नहीं लगा. वो अंजलि को आईपीएस बनाना चाहते थे. लेकिन 2011 में ही अंजलि की मां का देहांत हो गया. उसके बाद उनके बीमार पिताजी भी चल बसे.
अंजलि को हरियाणवी समझ तो आती है लेकिन वो बोल नहीं पाती. लेकिन वो काम हरियाणवी इंडस्ट्री में काम करती हैं. जब पहली बार हरियाणा के बारे में सुना था तो सोचा था कि कोई दूर देश है. अंजलि ने दिप्रिंट से हुई बातचीत में बताया कि जब वो स्टेज प्रोग्राम्स करती हैं तो उनके साथी कलाकार दर्शकों को बता देते हैं कि अंजलि को हरियाणवी नहीं आती है.
राजनीतिक कार्यक्रमों के बारे में कहती हैं कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन हरियाणा के बाकी कलाकारों को किसी न किसी राजनीतिक दल की तरफ झुकाव ज़रूर होता है. उनके केस मेंं ऐसा नहीं है, क्योंकि वो हरियाणा से नहीं हैं.
वो कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रही हैं. मई में उनके फाइनल ईयर के पेपर हैं. दिप्रिंट ने जब पूछा कि मई में ही तो चुनाव हैं और हरियाणा में ढेर सारे प्रोग्राम्स होंगे तो कैसे मैनेज करेंगी? इस पर अंजलि ने हंसते हुए जवाब दिया कि इस बार वो मैनेज कर लेंगी. वरना वो अपने एग्ज़ाम के महीने में कोई प्रोग्राम नहीं करती हैं और मन लगाकर पढ़ाई करती हैं.
वैसे उनका प्लान है कि वो एमबीए करते ही अपना खुद का बिज़नेस शुरू करेंगी. उनकी एक बहन की शादी भी होने वाली है. जब उनसे पूछा कि क्या मॉडलिंग आने वाली लड़कियां इतना पढ़ती हैं तो उन्होंने कहा कि मैंने तो सीटेट भी क्लियर कर लिया है.
मासूम शर्मा
रागिनी से प्रेम करते हैं. पुरानी रागनियों को नए अंदाज में गाकर यूट्यूब पर लगाते रहते हैं. पिछले साल इनकी गाई ‘छलिया बालकपन’ नाम की रागनी गुड़गांव के हर दूसरे पब में सुनी जा सकती थी. लड़कियां इस रागनी पर टिकटॉक पर वीडियो बनाकर लगा रही थीं.
मासूम शर्मा जींद के जुलाना गांव से हैं. 8वीं से ही रागनी-कीर्तन में गाने का चस्का लग गया. 2010 में पहला एल्बम आया रितू कौशिक के साथ. शर्मा ने कई पुराने गीतों को नए वर्जन में गाकर अपनी अलग जगह बनाई. गांव की लुगाइयों में भी काफी पॉपुलर हो गए. इनका कोढ़े चढ़ ललकारूं (2012) गाने ने काफी प्रसिद्धि दिलाई. 2013 में म्हारी गाल मह पटोला गाना रिलीज़ हुआ. उसके बाद सपना चौधरी के साथ इंग्लिश-मीडियम गाना बनाया था. लेकिन किसी काम से शूटिंग पर नहीं पहुंच सके. गाना गाया मासूम शर्मा ने और फिल्माया गया विक्की काजला पर. ये गाना भी यूट्यूब पर करीब 16 करोड़ से ज्यादा लोग देख चुके हैं.
लखमीचंद के तगड़े फैन हैं लेकिन राजनीति में आने की इच्छा है. दिप्रिंट से मासूम शर्मा ने बताया, ‘इस चुनाव में तो प्रोग्राम ही करेंगे. विधानसभा में चुनाव लड़ेंगे. सभी पार्टियों से अच्छे संबंध हैं. लेकिन हो सकेगा तो भाजपा से चुनाव लड़ सकते हैं.’
देव कुमार देवा
इस हरियाणवी कलाकर से नेशनल मीडिया तब परिचित हुआ जब प्रियंका गांधी की आत्मविश्वास से भरी तस्वीरें पिछले दिनों वायरल हुईं. तस्वीर में सपना चौधरी से ज्यादा ध्यान इस बात पर जा रहा था कि ये फनी टीशर्ट पहनें कौन है. देवा भी विधानसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयार कर चुके हैं. पार्टी अभी डिसाइड नहीं की है. लेकिन लोकसभा चुनाव में चुनावी प्रचार में जोर-शोर से भाग लेंगे. कुल मिलाकर कह सकते हैं कि देवा को आप रैलियों में कबड्डी या कुश्ती के बैनर के साथ लगे पोस्टर्स में देखेंगे.
अब ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि हरियाणा के ये स्टार राजनीति में चमकेंगे कि नहीं. लेकिन यूट्यूब की दुनिया और चुनावी प्रोग्राम्स के पोस्टर्स में आप इनके चमकते चेहरे ज़रूर देख पाएंगे.