नई दिल्ली: बारिश और तेज गति से आये तूफान की चपेट में आने ने दक्षिणी नेपाल का गांव पूरी तरह से तबाह हो गया है. रविवार को आए इस तूफान और बारिश में अभी तक 27 लोगों के मारे जाने और 400 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. नेपाल के हिमालयन टाइम्स के मुताबिक यह तूफान दक्षिणी जिले के बारा और पसरा में देश शाम आया और दोनों गांव को पूरी तरह से तबाह कर गया है. हताहतों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए ट्वीट किया है कि उन्हें बताया गया है कि अभी तक इस बारिश और तूफान में 27 लोगों की जाने गईं हैं और 400 लोग घायल हुए हैं. उन्होंने कहा है कि सुरक्षा बल को तैनात कर दिया गया है. घायलों को चिकित्सीय सुविधा पहुंचाई जा रही है.
बारा र पर्सामा आएको त्रासद आँधी हुरीबाट ज्यान गुमाउनेको संख्या २७ पुगेको छ । घाइते हुनु भएका ६१२ जना मध्ये ३४३ जना उपचारपछि घर फर्किनु भएको छ । तत्काल राहतका लागि सामग्री सहित नेपाल प्रहरीको थप टोली बिहान पौने ५ बजे पुगेको छ । घाइतेको उपचारमा सरकारले कुनै कसर बाँकी राख्नेछैन ।
— K P Sharma Oli (@kpsharmaoli) April 1, 2019
नेपाल आर्मी के प्रवक्ता यम प्रसाद धमाल ने बताया कि नेपाल में हो रही भारी बारिश में अब तक 27 लोगों की मौत हो गई है और 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. उन्होंने बताया कि हमने आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 2 MI 17 हेलीकॉप्टर को तैनात किए हैं, इसके अलावा एक स्कायट्रक को भी तैयार किया गया है. प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य से निपटने के लिए 100 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
Nepal Army spokesperson, Yam Prasad Dhakal: We have kept 2 MI 17 helicopters in standby mode for deployment in case of emergency. A sky truck is ready in Simara. Over 100 army personnel have been deployed in the affected areas, rescue operations underway. https://t.co/Yslt4KWJ9J
— ANI (@ANI) April 1, 2019
वहीं नेपाल प्रशासन के अधिकारी राजेश पौडेल ने कहा कि इस तूफान की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि राजधानी काठमांडू से 120 किलोमीटर दूर बारा जिले के कई गांव को इस तूफान ने पूरी तरह से तबाह कर दिया है.
उन्होंने कहा कि सेना और पुलिस प्रभावित इलाकों में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार थे लेकिन रात में वहां तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल था.
घायलों को चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने के लिए कार और एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया जा रहा है लेकिन पेड़ और बिजली के खंभे गिरने की वजह से जगह-जगह सड़कें बंद हो गई हैं.
पौदेल ने कहा कि मरने वालों में अधिकतर संख्यां किसानों की है और उनके इतनी बड़ी संख्या में मौत की वजह झोपड़ियों और पेड़ का गिरना है.