scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशराष्ट्रीय सुरक्षाः कांग्रेस के लिए तैयार रिपोर्ट में साम्प्रदायिकता व नक्सल खतरे को प्रमुखता

राष्ट्रीय सुरक्षाः कांग्रेस के लिए तैयार रिपोर्ट में साम्प्रदायिकता व नक्सल खतरे को प्रमुखता

पूर्व जनरल हुड्डा ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति पर उनके और उनकी टीम की तैयार रिपोर्ट सौंपी.

Text Size:

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय सुरक्षा की रणनीति को लेकर पूर्व भारतीय सेना के जनरल द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में नक्सल खतरे और साम्प्रदायिक हिंसा प्रमुखता दी गयी है.

पाकिस्तान के कब्जे (पीओके) वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर 2016 में भारत द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक की निगरानी करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह हुड्डा (सेवानिवृत्त) को कांग्रेस ने पार्टी की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स के प्रमुख के रूप में चुना था. टास्क फोर्स द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट सौंपने के लिए जनरल हुड्डा ने रविवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की.

कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2016 में उरी सर्जिकल स्ट्राइक पर नजर रखने वाले लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह हुड्डा (सेवानिवृत्त) को एक टास्क फोर्स के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था, ताकि एक व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति रिपोर्ट तैयार की जा सके.’ पदाधिकारी ने कहा ‘कांग्रेस के पदाधिकारी ने कहा टास्क फोर्स में कई वरिष्ठ सेवानिवृत्त सशस्त्र बल अधिकारी, राजनयिक और सुरक्षा विशेषज्ञ शामिल हैं. उन्होंने एक व्यापक रिपोर्ट बनाई है.’

सूत्र का कहना है कि रिपोर्ट में नक्सली हिंसा से निपटने के लिए एक गहन रणनीति का सुझाव दिया गया है, और रिपोर्ट भारत को अस्थिर करने वाले संभावित साम्प्रदायिक हिंसा के खतरे को सामने लाती है जो भारत को अस्थिर करने वाले हो सकते हैं.

‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया

दिप्रिंट से बात करते हुए, लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा जो कि भारतीय सेना के उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में सेवानिवृत्त हुए, ने पहले ही टास्क फोर्स के लिए अपने चयन की पुष्टि की थी. उन्होंने कहा, ‘हां मैं राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने वाले टास्क फोर्स का नेतृत्व कर रहा हूँ और हम उन्हें कैसे जवाब दे सकते हैं.’

हालांकि, 2016 में लगभग 40 साल की सेवा देने के बाद भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए हुड्डा ने यह स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस में शामिल नहीं हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने हाल ही में बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक को बढ़ा- चढ़ाकर दिखाया गया और इसका राजनीतीकरण किया गया था.

कांग्रेस ने टास्क फोर्स की नियुक्ति की और पुलवामा आतंकी हमले में खामियों के कारण नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया था. पुलवामा आतंकी हमले में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान मारे गए थे.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments