नई दिल्ली : पार्टी प्रमुख पद से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की कोर कमेटी की बैठक में शरद पवार को फिर से पार्टी का नेतृत्व करने और पार्टी प्रमुख बने रहने का प्रस्ताव पास किया गया है और कमेटी ने सर्वसम्मति से उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने शुक्रवार को बैठक के फैसले की जानकारी देते हुए कहा, ‘मेरे समेत कई नेता शरद पवार से मिले और हमने उनसे लगातार अनुरोध किया कि वे अपने फैसले पर फिर से विचार करें, क्योंकि देश को और पार्टी को उनकी अभी जरूरत है. न केवल एनसीपी के नेता बल्कि पार्टी के अन्य नेता और जाने-माने लोगों ने भी उनसे पार्टी प्रमुख बने रहने का अनुरोध किया था.’
प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘पवार साहेब ने बिना हमें बताये फैसला लिया. पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओ की सभी मांगों पर विचार करते हुए हमने आज बैठक की और समिति ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है. समिति सर्वसम्मति से इस इस्तीफे को खारिज करती है और हम उनसे पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रहने का अनुरोध करते हैं.’
पटेल ने कहा कि, ‘शरद पवार जी ने 2 मई को अचानक अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी. उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए और नए अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए पार्टी नेताओं की एक समिति गठित की थी. आज कमेटी की बैठक हुई.’
गौरतलब है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने 2 मई को पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद से पार्टी की सीनियर के नेता उनसे इस्तीफा वापस लेने की मांग कर रहे हैं. शरद पवार ने भी इस मांग पर विचार करने की बात कही थी.
वहीं पार्टी की बैठक में तमाम सीनियर नेताओं ने हिस्सा लिया. इसके अलावा एनसीपी के कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय के बाहर शरद के समर्थन में तख्तियों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं और उनसे इस्तीफा वापस लेने की अपील कर रहे हैं. एनसीपी कार्यकर्ताओं ने शरद पवार के समर्थन में नारे लगाए. वे शरद पवार से इस्तीफा वापस लेने की मांग कर रहे हैं. पवार ने पार्टी प्रमुख पद से 2 मई को इस्तीफा देने की घोषणा की थी.
इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए मुंबई के पार्टी ऑफिस में सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी पहुंचीं. वहीं एनसीपी के नेता और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार भी बैठक में शामिल होने के लिए लिए पहुंचे हैं.
मुंबई में एनसीपी की बैठक को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि, ‘यह उस पार्टी का आंतरिक मामला है. वे ही फैसला लेंगे’
इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टों ने बताया था कि आज कोर कमेटी की बैठक में प्रफुल्ल पटेल शरद पवार से इस्तीफा वापस लेने के लिए एक प्रस्ताव पास करेंगे और उनसे अपना फैसला बदलने का अनुरोध करेंगे.
क्या बोले थे शरद पवार
इससे पहले पवार ने अपने इस्तीफे को लेकर कहा था कि, ‘मैं जनता हूं कि मुझे कहां और कब रुकना है इसलिए मैं एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं. उन्होंने कहा था कि मैंने सिर्फ पार्टी के पद से इस्तीफा दिया है पार्टी के बाकी का काम करता रहूंगा. मैं पार्टी के नेताओं के साथ हमेशा खड़ा हूं.’
शरद पवार के पार्टी पद से इस्तीफा दिए जाने के एलान के बाद से ही अचानक पार्टी के नेता और समर्थक भावुक हो गए थे और उन्होंने पवार से उनके विचार पर एक बार फिर से सोचने की गुजारिश की थी.
82 वर्षीय शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी की स्थापना की थी.
पवार ने 2 मई को यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा का विमोचन करने के अवसर पर अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया था जिसका राकांपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था.
इस दौरान एक ही सुर में पार्टी के नेता छगन भुजबल, जितेंद्र आव्हाड और दिलीप वलसे पाटिल सहित राकांपा के कई नेताओं ने कहा था, ‘हम राकांपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के आपके फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. हम चाहते हैं कि आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.’
एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा था कि वह पार्टी अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ देंगे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे पवार की राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना का महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठजोड़ बनाने में अहम भूमिका रही है.
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