नई दिल्ली: बजरंग दल ने राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस मुख्यालय के पास प्रदर्शन किया और मांग की कि पार्टी कर्नाटक में सत्ता में आने पर संगठन पर प्रतिबंध लगाने के अपने वादे को वापस ले.
प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल के समर्थकों ने कांग्रेस मुख्यालय के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया और कांग्रेस के मैनिफेस्टो को जलाया.
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन में कहा कि बजरंग दल ‘देश का गौरव’ है और अगर कांग्रेस ने वादा वापस लेने के लिए अपने कर्नाटक चुनाव घोषणापत्र को नहीं बदला, तो बड़े पैमाने पर देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा.
विहिप प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, “बजरंग दल एक ऐसा संगठन है, जो राष्ट्रवाद की लौ जलाता है, लाखों महिलाओं की लाज बचाता है, गौ माता को वध से बचाता है और देश में लाखों लोगों को बचाने के लिए रक्तदान करता है. बजरंग दल देश का गौरव है और कांग्रेस इसकी तुलना प्रतिबंधित आतंकी संगठन पीएफआई से करती है.”
कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को घोषणापत्र जारी किया, जिसमें उसने वादा किया है कि प्रदेश में जाति एवं धर्म के आधार पर ‘नफरत फैलाने’ के लिए बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कर्नाटक चुनाव के लिये कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा देश में प्रतिबंधित संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ को ‘बचाने’ का प्रयास है.
उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर आज कांग्रेस ने झूठ का पुलिंदा यानी अपना घोषणापत्र जारी किया… यह दुस्साहसी और तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है. यह भगवान हनुमान का अपमान करके पीएफआई को बचाने का कांग्रेस का प्रयास है.’’
पात्रा ने कहा, ”हनुमान जी कर्नाटक के गौरवशाली देव हैं, कर्नाटक की भूमि हनुमान जी की भूमि है. कांग्रेस ने हमारे देवता का अपमान किया है. यह दुस्साहस है… कर्नाटक हमारे भगवान हनुमान जी का इस तरह का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा.’’
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