कोच्चि : ऑपरेशन कावेरी के तहत संघर्ष से जूझ रहे सूडान से सोमवार को कुल 186 भारतीयों को निकालकर कोच्चि लाया गया.
भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोमवार को कहा, ‘#OperationKaveri के तहत लगातार भारतीयों को घर वापस लाया जा रहा है, 186 यात्रियों को लेकर विमान कोच्चि पहुंचा है.’
रविवार को कोच्चि आने वाली फ्लाइट 186 यात्रियों को लेकर जेद्दा से रवाना हुई थी.
बागची ने ट्वीट किया, ‘जेद्दा से रवाना होने वाला यह 9वां विमान हैं. कोच्चि के लिए उड़ान भरने वाली इस फ्लाइट में 186 भारतीय हैं.’
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘पिछले कुछ दिनों में वायुसेना के विमान से लगभग 1400 भारतीयों को निकाला गया है, दो सी-130 जे विमानों ने 260 कर्मियों को निकाला है, जिनमें 90 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और 102 वर्ष से अधिक आयु के एक बुजुर्ग शामिल हैं.’
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा था कि लगभग 2300 भारतीय इंडिया पहुंच चुके हैं.
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘एयरफोर्स की एक सी-130 फ्लाइट 40 यात्रियों के साथ दिल्ली पहुंची है. इस फ्लाइट से करीब 2300 लोग भारत पहुंच चुके हैं.’
8वें विमान के साथ यह संख्या हालांकि 2300 तक पहुंच गई है, इसके बाद, तीन और उड़ानें क्रमश: 229, 288 और 135 यात्रियों को लेकर आई हैं. वहां से निकलने वाले लोगों की संख्या 2500 से ज्यादा हो चुकी है.
शनिवार शाम को, ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से 365 भारतीय नई दिल्ली पहुंचे हैं, जबकि 231 भारतीय यात्रियों को लेकर एक विमान शनिवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी पहुंचा है. जैसा कि सूडान में युद्धविराम का आह्वान किया गया है, भारत समेत कई देश अपने नागरिकों को संघर्षग्रस्त राष्ट्र से निकालने के प्रयास में जुटे हुए हैं.
भारत सरकार ऑपरेशन कावेरी के तहत, सूडान से 3000 भारतीयों को निकालने की तैयार में है.
सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष के कारण सूडान रक्तपात का सामना कर रहा है.
सूडानी सेना के नेता अब्देल फतह अल-बुरहान के वफादार सैनिकों और उनके डिप्टी, अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट सोल्जर्स (RSF) कमांडर मोहम्मद हमदान डागलो के बीच लड़ाई छिड़ी हुई है.
सूडान में कोई भी भारतीय नागरिक छूट न जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए भारत ने ऑपरेशन कावेरी शुरू किया है और अपने नागरिकों को सुरक्षित लाने के लिए युद्धग्रस्त देश में अपने सैन्य विमानों और युद्धपोतों को तैनात किया है.
यह भी पढ़ें : कर्नाटक में कांग्रेस के परसेप्शन मैनेजमेंट बनाम बीजेपी के माइक्रो-मैनेजमेंट की लड़ाई है