लखनऊ/महाराजगंज: कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा काट रहे यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की बेटी तनुश्री त्रिपाठी का टिकट काट दिया गया है. महाराजगंज से अब पार्टी ने सुप्रिया श्रीनेत को टिकट दिया है. सुप्रिया पेशे से पत्रकार हैं और पिछले दिनों वह दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्वी उत्तर प्रदेश की पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला से मुलाकात की थी.
सुप्रिया ने अपनी राजनीति में आने की जानकारी ट्विटर पर दी. उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को थैंक्स कहा है. सुप्रिया ने अपने स्वर्गवासी पिता को धन्यवाद देते हुए लिखा है, ‘मैंने अपने स्वर्गवासी पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए एक कदम बढ़ाया है और ऐसी उम्मीद है कि मैं कुछ महत्वपूर्ण योगदान दे पाउंगी.’
इससे पहले सुप्रिया ने अपने ईटी नाऊ चैनल के एक्सक्यूटिव पद से इस्तीफा दिया और कहा कि वह अब अपनी जिंदगी में कुछ नया और चैलेंजिंग करने जा रही हैं. वह पिछले दस सालों से टाइम्स ग्रुप में पत्रकारिता कर रही हैं .
I will be taking an active plunge in politics, am grateful to @INCIndia @RahulGandhi @priyankagandhi @JM_Scindia for trusting me with Maharajganj. It will be an honour to keep my late father’s legacy alive. I look forward to making a meaningful contribution
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) March 29, 2019
बता दें कि तनुश्री मणि को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने भी महराजगंज लोकसभा से मैदान में उतारा था लेकिन अब उन्होंने पाला बदल लिया है.
भाई को जिताने में थी अहम भूमिका
11 जनवरी 1990 को गोरखपुर में जन्मी तनुश्री ने अपने पिता और भाई की राह पर चलते हुए राजनीति में प्रवेश कर लिया है. उनके पिता अमरमणि त्रिपाठी यूपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. फिलहाल वह मुधमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा काट रहे हैं. तनुश्री के भाई अमनमणि त्रिपाठी नौतनवां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं.
अमनमणि ने 2017 में चुनाव जीता था. तनुश्री ने उस चुनाव में नौतनवा सीट पर अमन मणि के लिए प्रचार किया था. छोटी बहन अलंकृति मणि भी मौजूद थीं. दोनों बहनों के जोरदार चुनाव प्रचार से जेल में रहते हुए अमन मणि ने 32 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की. अमन मणि अपनी पत्नी सारा सिंह की हत्या के आरोप में जेल में थे जब विधानसभा चुनाव का ऐलान हुआ था.
लंदन से की पढ़ाई , अब संभालेंगी राजनैतिक विरासत
दिल्ली यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से पढ़ाई कर चुकीं तनुश्री अपने पिता अमर मणि त्रिपाठी को अपना आदर्श मानती हैं. वह अपने भाई के साथ पिता की ही विरासत को आगे बढ़ा रही हैं. अमर मणि के तीनों बच्चों में बड़ी होने के कारण उनकी जिम्मेदारी भी अहम रही. माता-पिता और भाई के जेल में रहने के बाद भी उन्होंने विधानसभा चुनाव में परिवार की राजनीतिक विरासत को बचा लिया.
परिवार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अभी फरवरी में ही उनकी सगाई हुई है. आगामी 20 अप्रैल को उनका विवाह होना है. इस बीच उन्होंने राजनीतिक पारी भी शुरू कर दी है. बता दें कि इससे पहले साल 2009 में अमर मणि त्रिपाठी के छोटे भाई अजीत मणि भी चुनाव लड़े थे लेकिन वह हार गए थे. अब एक बार फिर मणि परिवार लोकसभा चुनाव में तनुश्री के सहारे मैदान में आया है.
मां-पिता दोनों जेल में हैं बंद
तनुश्री के पिता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी व उनकी मां मधुमणि आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. कवियित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड की सजा में वह वर्तमान में गोरखपुर जेल में हैं. भाई अमनमणि त्रिपाठी 2017 में निर्दलीय विधायक बने थे. अमन पर भी पत्नी सारा सिंह की हत्या का आरोप है. वह फिलहाल बेल पर हैं.