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Thursday, 21 November, 2024
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‘झुकेंगे नहीं राहुल गांधी’, कांग्रेस बोली- मानहानि वाले मामले में खटखटाएंगे गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा

भाजपा ने मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज करने के सूरत की अदालत के फैसले को न्यायपालिका व लोगों की ‘जीत’ और ‘गांधी परिवार के अहंकार पर तमाचा’ कहा है.

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नई दिल्ली: सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा 2019 में ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने इसे कानूनी रूप से गलत बताया है और गुजरात हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है साथ ही कोर्ट को चुनौती देने समेत सभी उपलब्ध कानूनी विकल्पों पर विचार करेगी.

बता दें कि गुजरात की सेशंस कोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा है. यानि दो साल की राहुल की सजा को बरकरार रखा है.

मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि राहुल गांधी झुकने वाले नहीं हैं और जनहित में अपनी आवाज उठाते रहेंगे.

गुजरात में सूरत की एक सत्र अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘कानून के तहत जो भी विकल्प हमारे लिए उपलब्ध होंगे, हम उन सभी विकल्पों का लाभ उठाना जारी रखेंगे.’

पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोषसिद्धि को निलंबित नहीं किया गया है. कानून के मूलभूत आधार के हिसाब से यह निर्णय गलत है. निचली अदालत के एक गलत निर्णय पर जोर दिया गया है, वो बात भी गलत है. हाई कोर्ट का रुख करने समेत हमारे पास जितने भी विकल्प है उनका हम निकट भविष्य में उपयोग करेंगे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘गलत कानूनी आधार पर जो (निचली और सत्र अदालत के) दो निर्णय आए हैं और उनको चुनौती दी जाएगी. हमें विश्वास है कि कानूनी रूप से गलती को ठीक किया जाएगा.’’

सिंघवी का कहना था कि राहुल गांधी के बयान को तोड़-मरोड़कर नया आयाम दिया गया जो पूरी तरह गलत है.

उन्होंने सत्र अदालत के निर्णय के कानूनी पहलुओं का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘निर्णय के कुछ शुरू के पैराग्राफ देखें तो कुछ पुराने मामलों के निर्णयों का जिस तरह से हवाला दिया गया है वो देखने में गलत है, उनका दुरुपयोग किया गया है. इस फैसले के लिए उन निर्णयों के चुनिंदा अंशों का उल्लेख किया गया है.’’

सिंघवी ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘यदि कोई समझता है कि राहुल जी की आवाज रुकेगी-झुकेगी, वो न राहुल गांधी को जानते हैं, न कांग्रेस को समझते हैं. राहुल गांधी जी स्पष्ट व सच बोलते हैं. वह अपनी आवाज़ पुरजोर तरीके से सबके सामने रखेंगे.’’

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो ओबीसी के अपमान की बात कह रहे हैं, अब उसका उल्टा असर हो रहा है. ओबीसी वर्ग भी समझ चुका है कि मोदी जी और भाजपा राजनीतिक रूप से उनके नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं.’’


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‘गांधी परिवार के अहंकार पर तमाचा’

वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज करने के सूरत की अदालत के फैसले को न्यायपालिका व लोगों की ‘जीत’ और ‘गांधी परिवार के अहंकार पर तमाचा’ करार दिया.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘अदालत का फैसला गांधी परिवार, खासकर राहुल गांधी के अहंकार पर तमाचा है’’

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अदालत का फैसला यह भी साबित करता है कि कानून सभी के लिए बराबर है और वह किसी भी प्रकार के दवाब के आगे झुकता नहीं है.

पात्रा ने कहा, ‘‘आज के फैसले से एक बात स्पष्ट है कि इस देश में संविधान का राज है, परिवार का राज नहीं है। और किसी भी परिवार के लिए अलग कानून नहीं हो सकता.’’

उन्होंने राहुल गांधी को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अभी भी मौका है अहंकार को छोड़िए, देश के सामने ओबीसी समाज से क्षमा याचना कीजिए कि जो मैंने किया, गलत किया, मुझे यह नहीं करना चाहिए था.’’

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. पी. मोगेरा की अदालत ने राहुल की दोषसिद्धि पर रोक संबंधी अर्जी आज खारिज कर दी. गत 23 मार्च को सूरत की एक निचली अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दे दिया गया था.

पात्रा ने कहा, ‘‘यह भारत के आम लोगों और पिछड़े वर्गों की जीत है. यह न्यायपालिका की भी एक बड़ी जीत है.’’

उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद देश में ‘जश्न का माहौल’ है.

पात्रा ने आरोप लगाया कि पिछले महीने इस मामले में गांधी को दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस अपने पारिस्थितिकी तंत्र को एकजुट कर रही थी ताकि ‘‘न्यायपालिका के खिलाफ आंदोलन चले और यहां तक कि उसकी ओर से भारत के खिलाफ बयान जारी कराए गए.’’

पात्रा ने कहा कि निचली अदालत ने मानहानि मामले में अपना फैसला सुनाने से पहले गांधी को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने का मौका दिया था लेकिन कांग्रेस नेता ने जवाब दिया कि ‘माफी शब्द उनके शब्दकोश में नहीं है’.

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल जी, आपने हाई कोर्ट के सामने माफी मांगी. इसलिए यह मत कहिए कि माफी शब्द आपके शब्दकोश में नहीं है.’’

गत 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया.


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