नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने माफिया-नेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा में हत्या को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी किया है.
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और प्रयागराज के पुलिस आयुक्त को जारी अपने नोटिस में आयोग ने उनसे चार हफ्ते के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है.
नोटिस में कहा गया है कि रिपोर्ट में हत्या के सभी पहलुओं मृतक के चिकित्सा-कानूनी प्रमाणपत्रों की प्रतियां, पंचनामा, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम जांच की सीडी/कैसेट, घटनास्थल का खाका और मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट को शामिल किया जाए.
अहमद और अशरफ को पत्रकारों के भेष में आए तीन लोगों ने शनिवार की रात मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उस समय गोली मार दी थी, जब पुलिसकर्मी उन्हें जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे.
इस साल की शुरुआत में उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्ड की हत्या के सिलसिले में पूछताछ के लिए उन्हें गुजरात और बरेली की जेलों से प्रयागराज लाया गया था.
गोलीबारी की इस घटना से कुछ घंटे पहले ही 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अहमद के बेटे असद का अंतिम संस्कार प्रयागराज में किया गया था.
वहीं, माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर मिश्रा के कटरा इलाके में स्थित मकान के सामने कुछ अराजक तत्वों ने मंगलवार दोपहर कथित रूप से बम फेंका. हालांकि, पुलिस ने बताया कि अभी तक घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
सहायक पुलिस आयुक्त (शिवकुटी) राजेश कुमार यादव ने बताया कि कर्नलगंज थाना क्षेत्र में अंतर्गत कटरा की गोबर गली में कुछ युवकों ने आपसी रंजिश के चलते बम फेंका था जिसमें संयोगवश अतीक अहमद के वकील दयाशंकर मिश्रा के मकान के सामने विस्फोट हुआ.
उन्होंने कहा, स्थानीय लोगों के मुताबिक, हर्षित सोनकर नाम के युवक का रौनक, आकाश सिंह और छोटे के साथ पैसे को लेकर कुछ विवाद था और इस कारण सोनकर ने रौनक, आकाश और छोटे का पीछा करते हुए उनपर देसी बम फेंका.
यादव ने बताया कि संयोगवश बम वकील दयाशंकर मिश्रा के मकान के सामने गिरा। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है.
उन्होंने बताया कि सोनकर बम फेंककर वहां से फरार हो गया. इस संबंध में एफआईआर दर्ज की जा रही है और जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि मिश्रा उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद और अशरफ के वकील थे. इस मामले में अतीक अहमद और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि अशरफ समेत सात अन्य लोग साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए थे.
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