नई दिल्ली: गैंस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर विपक्षी पार्टियां लगातार हमलावर बनी हुई हैं. एनकाउंटरों को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यूपी के लोगों को इन मुठभेड़ों का विरोध करना चाहिए.
सोमवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि “आखिर ये देश में चल क्या रहा हैं, कोई भी किसी को भी मार रहा है, काट रहा है..फाड़ दे रहा है. उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एनकाउंटर आम बात हो गई है. यूपी के लोगों को इन मुठभेड़ों का विरोध करना चाहिए.” इस दौरान ममता गृहमंत्री अमितशाह पर भी हमलावर रहीं.
अतीक-अशरफ हत्याकांड और उत्तर प्रदेश में होने वाले एनकाउंटरों को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यूपी के लोगों को इन मुठभेड़ों का विरोध करना चाहिए.
ममता ने आगे कहा कि, “अगर पश्चिम बंगाल में कुछ होता है तो वे (भाजपा) केंद्रीय एजेंसियों को भेजते हैं. डबल इंजन वाली बीजेपी के… डबल स्टैंडर्ड है.”
उन्होंने आगे कहा कि यह शर्मनाक है कि अपराधी अब पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में बेफिक्र होकर कानून अपने हाथ में ले रहे हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस की मौजूदगी में अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा दायर की गई है.
ममता ने कहा, “इस तरह के गैर-कानूनी हरकत की हमारे संवैधानिक लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है.”
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर शनिवार रात को प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के पास अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी की, जिसमें दोनों की मौत हो गई.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा पुलवामा हमले के बारे में किए गए ‘खुलासे’ से ‘ध्यान भटकाने की एक चाल’ है.
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट किया कि यूपी अराजकता और जंगल राज की तरफ जा रहा है. जय श्री राम के नारों के बीच कट्टर दक्षिणपंथियों द्वारा जघन्य हत्याओं और अराजकता का जश्न मनाया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा, “पुलवामा हमले और भ्रष्टाचार के बारे में सत्यपाल मलिक के खतरनाक खुलासों से ध्यान भटकाने के लिए यह एक चतुर रणनीति है.”
माफिया से नेता बने अतीक अहमद के खिलाफ कुल 102 जबकि उसके भाई अशरफ अहमद के खिलाफ 54 मामले दर्ज हैं.
यह भी पढ़ें: ‘उसने गलत किया, लेकिन उसे सजा भी तो मिली’, अतीक, अशरफ के लिए लोगों में मिलीजुली भावनाएं, अलग-अलग तर्क