नई दिल्ली: जी20 समूह के सदस्य देशों ने भारत के अनेक प्रस्तावों का समर्थन किया है और इनको लेकर सक्रिय बाते हो रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जी20 देशों के अपने अनेक समकक्षों के साथ सिलसिलेवार मुलाकात के बाद यह कहा.
सीतारमण ने गुरुवार को वॉशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक की सालाना वसंत बैठकों से इतर जी20 देशों के अपने समकक्षों के साथ मुलाकात की. उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई कि भारत के ज्यादातर प्रस्तावों को अच्छा समर्थन मिला है और उन्हें लेकर सक्रिय जुड़ाव हो रहा है.’’
भारत को पिछले साल दिसंबर में जी20 की अध्यक्षता मिली थी और सितंबर की शुरुआत में उसके नई दिल्ली में नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की योजना है. जी20 विश्व की 20 प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक महत्वपूर्ण मंच है.
सीतारमण ने बताया कि जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की दूसरी बैठक में चर्चा तीन सत्रों में हुई. इसमें सदस्य देशों की ओर से महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं. इन बैठकों में 13 आमंत्रित देशों, कई अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय संगठनों के करीब 350 प्रतिनिधि शामिल हुए.
उन्होंने आगे कहा, जी20 के सभी सदस्यों के बीच इसपर स्वीकृति है कि क्रिप्टो संपत्ति पर कोई भी कार्रवाई वैश्विक होनी चाहिए. जी20 और उसके सदस्य इस बात से सहमत है कि क्रिप्टो संपत्ति के साथ काम करने वाला एक स्वतंत्र स्टैंडअलोन देश होना संभव
सीतारमण ने कहा कि जी20 बैठकों से छह निष्कर्ष निकले. इनमें ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल की मेजबानी के साथ ऋण पुनर्गठन और ऋण कमजोरियों पर सफल चर्चा शामिल है. बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार का मुद्दा भी अहम है जो एक भारतीय पहल है, उसे बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. इसके अलावा जलवायु वित्त और जलवायु एवं जलवायु संबंधी मामलों का सतत वित्तपोषण और वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक साझेदारी भी छह निष्कर्ष में शामिल है जिसमें डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बहुत अधिक समर्थन मिला.
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