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Monday, 25 November, 2024
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सी राजगोपालाचारी के प्रपौत्र सीआर केसवन BJP में शामिल, बोले- कांग्रेस अपने ‘मूल्यों’ से भटक गई है

सीआर केसवन बीते 23 फरवरी को कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी में उन मूल्यों के अवशेष देखने को भी नहीं मिले, जिनके कारण उन्होंने बीते 2 दशकों से पार्टी की सेवा की.

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को एक और झटका लग गया. भारत के पहले गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी के प्रपौत्र और पूर्व कांग्रेस नेता सीआर केसवन बीजेपी में शामिल हो गए. भगवा पार्टी में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केसवन ने कहा, ‘दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी में मुझे शामिल करने के लिए मैं बीजेपी के नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं. यह दिन खास है क्योंकि आज ही हमारे पीएम तमिलनाडु का दौरा करने वाले हैं.’

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी की जन-केंद्रित नीतियों, भ्रष्टाचार मुक्त शासन और सुधार-आधारित समावेशी विकास एजेंडे ने भारत को एक नाजुक अर्थव्यवस्था से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बदल दिया है.’

बता दें कि केसवन बीते 23 फरवरी को कांग्रेस से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि पार्टी में उन्होंने मूल्यों के उन अवशेषों को भी नहीं देखा है जिनके लिए उन्होंने दो दशकों से अधिक समय से समर्पण के साथ पार्टी के लिए काम किया.

केसवन ने ट्विटर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा पत्र साझा करते हुए कहा था कि वह अब पार्टी के विचारधाराओं से सहमत नहीं हो सकते हैं.

उनका इस्तीफा पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे, अनिल एंटनी द्वारा पार्टी छोड़े जाने के एक महीने के भीतर आया, जिन्होंने विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में आने के बाद पार्टी छोड़ दिया था.

अनिल एंटनी 6 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और वी मुरलीधरन की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए थे. इस अवसर पर केरल भाजपा प्रमुख के सुरेंद्रन और पार्टी के वरिष्ठ नेता तरुण चुघ और अनिल बलूनी भी उपस्थित थे.

‘दो दशकों से पार्टी की सेवा की’

इससे पहले 23 फरवरी को केसवन ने कहा था, ‘मैंने उन मूल्यों के अवशेष भी नहीं देखे हैं, जिन्होंने मुझे दो दशकों से अधिक समय से समर्पण के साथ पार्टी के लिए काम करने को प्रेरित किया था. मैं अब विवेक से यह नहीं कह सकता हूं कि मैं पार्टी के साथ सहमत हूं. यही कारण है कि मैंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर एक संगठनात्मक जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था और भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेने से भी परहेज किया था.’

कांग्रेस छोड़ते हुए उन्होंने कहा था, ‘यह मेरे लिए एक नया रास्ता तय करने का समय है और इसलिए, मैंने तत्काल प्रभाव से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. मैंने तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में अपना इस्तीफा उचित प्राधिकारी को सौंप दिया है.’

पूर्व कांग्रेस नेता ने सोनिया गांधी को उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारियों के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी में दोस्ती कायम रखी है जो आगे भी बनी रहेगी.


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