चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) के छात्र करण कटारिया के लिए चिंता व्यक्त की है, जिन्होंने हाल ही में दावा किया था कि उन्हें छात्र संघ चुनावों से गलत तरीके से अयोग्य घोषित किया गया था.
खट्टर ने बुधवार को एलएसई के वाइस चांसलर एरिक न्यूमेयर को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होने हरियाणा के छात्र की मां के मानसिक तनाव के बारे में बताया.
खट्टर ने कहा, “मुझे सूचित किया गया कि कटारिया को लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स छात्र संघ के महासचिव पद चुनाव से अयोग्य घोषित किया गया और उनकी अयोग्यता किसी भी कारण से सिद्ध नहीं हुई थी जिसके बाद जाति और भेदभाव के कारण उन्हें अयोग्य घोषित किया गया था. जब उनकी (करण की) मां और बहन मुझसे मिलने आईं तो मैं उनके मानसिक तनाव को महसूस कर पा रहा था.”
एलएसई में लॉ के पोस्ट ग्रेजुएट छात्र कटारिया ने दावा किया है कि छात्रों के चुनाव से उनका निष्कासन ‘भारत विरोधी बयानबाजी’ और ‘हिंदूफोबिया’ के कारण हुआ था.
22 वर्षीय कटारिया के आरोपों ने हिंदू प्रवासियों के समर्थन की एक लहर शुरू कर दी है, जबकि एलएसई संघ ने कहा कि चुनाव नियमों को तोड़ने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित किया गया था.
अपने पत्र में, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास है, मुख्यमंत्री ने लिखा है कि “प्रतिभाशाली छात्र” एलएसई परिसर में असुरक्षित महसूस कर रहा है.
भाजपा नेता ने लिखा, “हाल की घटनाओं के कारण, वह संस्थान परिसर में असुरक्षित महसूस कर रहा है. ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि प्रशासन कदम उठाए और उनकी सुरक्षा का ख्याल रखे.”
उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक छात्र को भेदभाव से मुक्त एक सुरक्षित और बौद्धिक रूप से चुनौतीपूर्ण वातावरण मिलना चाहिए और यह प्रत्येक संस्थान का कर्तव्य है कि वह छात्र को ऐसा वातावरण प्रदान करे.
खट्टर ने स्कूल के वाइस प्रेसिडेंट और प्रो-वाइस चांसलर (योजना और संसाधन) नूमैयर से इस मामले को देखने और कटारिया को उनकी मान्यताओं और नस्ल के आधार पर भेदभाव से ‘बचाने’ का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कटारिया के परिवार ने खट्टर के साथ मुलाकात के दौरान छात्र की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की थी.
दिप्रिंट ने फोन और व्हाट्सएप पर कटारिया से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उनका जवाब आने पर स्टोरी अपडेट की जाएगी.
कटारिया ने इस सप्ताह एक ट्वीट में दावा किया कि उन पर जानबूझ कर हमला कराया गया और उन्होंने LSE छात्र संघ (LSESU) को ‘ज़ेनोफ़ोबिक’ और ‘पक्षपातपूर्ण’ कहा.
उन्होंने ट्वीट किया, “दुर्भाग्य से, कुछ लोग एक भारतीय-हिंदू को एलएसईएसयू का नेतृत्व करते हुए नहीं देख सकते और मेरे चरित्र और पहचान को खराब कर रहा है, जो स्पष्ट रूप से हमारे सामाजिक समुदायों को नष्ट करने की कोशिश है.”
दिप्रिंट से बात करने वाले कैंपस में भारतीय मूल के एलएसई छात्रों ने कहा कि कटारिया पर चुनाव प्रचार के दौरान ‘इस्लामोफोबिक, होमोफोबिक और हिंदू राष्ट्रवादी’ होने के आरोप लगे.
अयोग्य ठहराए जाने से पहले हरियाणा का छात्र महासचिव पद के लिए लड़ रहा था.
LSESU ने अपने ऑफिशियल बयान में कहा कि उम्मीदवार को अयोग्य घोषित किया गया क्योंकि उसने मतदाताओं से कम से कम 2 मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखने से संबंधित एक नियम का उल्लंघन किया.
(संपादन: अलमिना खातून)
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