लोकतंत्र का त्योहार चुनाव शुरू गया है. सत्रहवीं लोकसभा के लिए राजनीतिक पार्टियों की तैयारियां जोरों पर हैं. 11 अप्रैल से लेकर 19 मई तक चलने वाले इस महाकुंभ में जबरदस्त टक्कर देखने को मिलेगी और 23 मई को फैसला भी आ जाएगा कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होने वाला है और अगले पांच साल सत्ता की कुर्सी पर कौन काबिज़ होगा. लेकिन इससे पहले ये जानना जरूरी है कि सोलहवीं लोकसभा में जिन नेताओं को इस देश की जनता ने अपने प्रतिनिधि के रूप में चुना और सदन तक पहुंचाया, उन प्रतिनिधियों ने उनका कितना ख्याल रखा और उनकी समस्या से जुड़ी बातों को सदन तक पहुंचाया और अपनी बात रखी.
वे सांसद जिनकी उपस्थिति 100 प्रतिशत थी
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक 2014- 2019 के सोलहवीं लोकसभा में कुछ सांसदों की उपस्थिति 100 प्रतिशत थी जिसमें टीडीपी के सांसद अशोक गजपति राजू , भैरों प्रसाद मिश्र उप्र के बांदा से भाजपा से सांसद, गोपाल प्रसाद शेट्टी मुंबई नॉर्थ से भाजपा के सांसद, कुलमणि समल ओडिशा के जगतसिंहपुर से बीजद के सांसद हैं, निरंजन ज्योति और रमेश चंद्र कौशिक हरियाणा के सोनीपत से भाजपा सांसद हैं.
मोदी सरकार के मंत्री मंडल में शामिल कुछ मंत्रियो के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है जिसमें मेनका गांधी , सुषमा स्वराज , हरसिमरत कौर प्रमुख रूप से शामिल हैं.
देश में कई सांसद लोकप्रियता के मामले काफी आगे हैं, लेकिन सदन में सक्रियता को लेकर उनका रिपोर्ट कार्ड लगभग ज़ीरो है या फिर यूं कहें कि प्रभावशाली नहीं दिखाई दे रहे हैं..सदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी लोकसभा सीट से सांसद हैं. राहुल गांधी सदन में पीएम मोदी के गले मिलने (पड़ने) और आंख मारने के लिए खूब चर्चित हुए. चौकीदार चोर है का नारा का देश में प्रचारित करने वाले राहुल गांधी अमेठी से चार बार सांसद रह चुके हैं. इसबार सदन में 52 प्रतिशत उपस्थिति थी, उन्होंने कोई भी सवाल नहीं पूछा था.
मुलायम सिंह यादव – सदन के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद हैं. 16 वीं लोकसभा सत्रावसान के अंतिम दिन अपने भाषण में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने की शुभकामनाएं दी, जिसकी वजह से वे एक बार फिर चर्चा में आ गए थे. वरिष्ठ सांसद होने के बावजूद इस सदन में उनकी उपस्थिति 81 प्रतिशत थी.
मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद हैं. तीन तलाक और मुस्लिमों के मुद्दों पर संसद में जोरदार आवाज़ उठाते रहे. लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर उनका भाषण बहुत पसंद किया गया. सदन में उनकी उपस्थिति 82 प्रतिशत थी. इस दौरान उन्होंने सदन में विभिन्न मंत्रालयों से 737 सवाल पूछे. वहीं 64 बार सदन में बहस में हिस्सा लिया और 2 प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किया.
कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से सांसद हैं. अपनी धारदार अंग्रेजी से देश में अलग पहचान रखते हैं. थरूर संसद में एक्टिव रहने वाले नेताओं में से एक हैं. इस सदन में उनकी उपस्थिति 86 प्रतिशत थी, कुल 16 प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने के साथ 90 बार बहस में हिस्सा लिया.
भाजपा के फायर ब्रांड नेता युवा नेता वरुण गांधी सुल्तानपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. सोलहवीं लोकसभा संसद में उनकी उपस्थिति 75 प्रतिशत थी. उन्होंने भी 16 बार बहस में हिस्सा लिया और 427 सवाल किये.
बैजयंत जय पांडा (पूर्व बीजेडी सांसद) केंद्रपाड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं. केंद्रपाड़ा ओडिशा के 21 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. फिलहाल बैजयंत जय पांडा भाजपा में शामिल हो चुके हैं. उनकी सदन में उपस्थिति 82 फीसदी थी.
भाजपा के युवा नेता अनुराग सिंह ठाकुर मई 2008 के लोकसभा चुनाव में पहली बार सदन में आए थे. 2014 के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और युवाओं के मामलों को अक्सर सदन के पटल पर उठाते रहे हैं. संसद में वह 89 प्रतिशत उपस्थित रहे और उन्होंने 454 सवाल भी किये.
कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना लोकसभा सीट से सांसद हैं. फिलहाल सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी शामिल रहे हैं. सदन में उनकी उपस्थिति 75 प्रतिशत रही और उन्होंने 876 सवाल भी किये. यही नहीं उन्होंने कुल 48 बार बहस में हिस्सा लिया.
आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान पंजाब की संगरूर लोकसभा सांसद हैं. वे सदन में अपने भाषणों के लिए जाने जाते हैं. मान पर आरोप है कि वह संसद परिसर में शराब पीकर आए थे और सदन की कार्यवाही की लाइव वीडियो रिकॉर्डिंग की थी जिसके बाद उन्हें सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था. भगवंत मान की सदन में 56 प्रतिशत उपस्थिति रही, उन्होंने 107 बार बहस में भाग लिया और कुल 56 सवाल किये.
समाजवादी पार्टी की नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज सीट से सांसद हैं. उनकी संसद में उपस्थिति 41 प्रतिशत रही और उन्होंने केवल दो बार ही बहस में हिस्सा लिया.
अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री हैं. वे मोदी सरकार में सबसे युवा मंत्री हैं. मिर्ज़ापुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. सदन में 90 प्रतिशत उपस्थिति थी और 49 बार बहस में हिस्सा लिया और 71 सवाल भी किये.
बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना हेमा मालिनी उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट से सांसद हैं. उनकी सदन में उपस्थिति 39 प्रतिशत ही रही, उन्होंने महज 17 बार बहस में हिस्सा लिया और 210 सवाल किये.
जयदेव गल्ला आंध्र प्रदेश के गुंटूर निर्वाचन क्षेत्र से टीडीपी के सांसद हैं. मोदी सरकार के चार साल के शासनकाल के दौरान आए अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाले पहले सांसद हैं. गल्ला बड़े व्यवसायी हैं. सदन में अपने भाषण की वजह से वह मीडिया ही नहीं सदन में भी अलग पहचान बनाई. उनकी सदन में उपस्थिति 85 प्रतिशत थी, 120 बार बहस के दौरान हिस्सा लिया साथ ही 496 सवाल किये.
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी उत्तर प्रदेश के कानपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. उनकी सदन में 90 उपस्थिति रही, उन्होंने कुल दो सवाल किये.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले महाराष्ट्र के बारामती सीट से सांसद हैं. सदन में उनकी उपस्थिति 96 प्रतिशत रही और वह ज्यादा सवाल पूछने के मामले में आगे रहीं. उन्होंने 1184 सवाल किये.
मल्लिका अर्जुन खड़गे वर्तमान लोकसभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता हैं. वे कर्नाटक के गुलबर्गा सीट से लोकसभा से सांसद हैं. वह सदन के नेता प्रतिपक्ष हैं. 16 वीं लोकसभा में उनकी उपस्थिति 91 प्रतिशत रही, उन्होंने 155 बार बहस में हिस्सा लिया 332 सवाल किये.
सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली संसदीय क्षेत्र से सांसद है. उनकी संसद में उपस्थिति 60 प्रतिशत थी, उन्होंने 6 बार बहस में हिस्सा लिया,
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान बिहार की जमुई लोकसभा सीट से सांसद है. उनकी सदन में 88 प्रतिशत उपस्थिति रही और उन्होंने 17 बार बहस में हिस्सा लिया.
टीएमसी के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय उत्तर कोलकाता सीट से सांसद हैं. सुदीप बंदोपाध्याय का नाम रोज वैली ग्रुप चिटफंड घोटाले में कथित तौर पर शामिल होने का आरोप लगा है. उनकी संसद में 60 प्रतिशत उपस्थिति रही, उन्होंने 55 बार बहस में हिस्सा लिया.
श्रीनगर लोकसभा सीट अब्दुल्ला परिवार का गढ़ रही है. वर्तमान में इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला सांसद हैं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए जाने जाते हैं. पिछले पांच वर्षों में उनकी उपस्थिति 68 प्रतिशत थी, उन्होंने पिछले पांच वर्षों में महज तीन बार बहस के दौरान हिस्सा लिया और महज 13 सवाल किये.