scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावदबाव की राजनीति के चलते गठबंधन पर उलझी कांग्रेस

दबाव की राजनीति के चलते गठबंधन पर उलझी कांग्रेस

लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सत्ताधारी बीजेपी ने जहां देशभर में चुनावी अभियान शुरू कर दिया है. वहीं हाशिये पर पड़ी कांग्रेस गठबंधन की राजनीति में उलझी हुई है.

Text Size:

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने देशभर में चुनावी अभियान जोर-शोर से शुरू कर दिया है. वहीं देशभर में हाशिये पर पड़ी कांग्रेस गठबंधन की राजनीति में उलझी हुई नजर आ रही है. कांग्रेस कहीं अपने साथी दलों के साथ दबाव की राजनीति कर हक से ज्यादा सीटों की मांग कर रही है तो कहीं वह मोदी को रोकने के लिए पार्टियों के साथ गठबंधन को सर्वोपरि बता रही है. अंदरखाने कई नेता कुछ राज्यों में कुछ राज्यों में कांग्रेस को दूसरे दलों के साथ गठबंधन करने पर जोर दे रहे हैं. वहीं एक धड़ा कांग्रेस के चुनावी मैदान में अकेले उतरने की बात कर रहा है. बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में पार्टी गठबंधन करे या न करे इसको लेकर उलझी हुई नजर आ रही है.

दिल्ली में कांग्रेस-आप पार्टी के गठबंधन को लेकर चर्चाएं फिर जोरों पर हैं. इस मसले पर दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि हमारे अध्यक्ष राहुल गांधी जल्दी है इस पर फैसला करेंगे और भाजपा से मुकाबले के लिए हमारी पार्टी गठबंधन में जाने का फैसला किया है. वह उम्मीद करते हैं दिल्ली के नेता भी इस नीति को फॉलो करेंगे.


यह भी पढ़ेंः महागठबंधन पर फिर फंसा पेंच, दरभंगा, मधुबनी सीटों पर चल रही है माथापच्ची


उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी को दिल्ली में आप के साथ गठबंधन को लेकर पत्र लिखा गया है. वह सोचते हैं दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेता बीजेपी को हराना अपनी तत्काल जिम्मेदारी समझते हैं. इसके लिए ज्यादातर पार्टी नेताओं का मानना है कि उन्हें आप से गठबंधन करना चाहिए.

गौरतलब है कि यूपी बिहार जैसे बड़े राज्य में ज्यादा सीटों की मांग के कारण कांग्रेस गठबंधन करने में नाकाम रही है. यूपी में सपा बसपा ने उसके दबाव को दरकिनार करते हुए आरएलडी के साथ अपना अलग गठबंधन बना लिया. इस दौरान राज्य के प्रभारी बनाये गये कांग्रेस के वरिष्ठ कश्मीरी नेता गुलाम नबी आजाद महागठबंधन की रणनीति बनाने में फेल रहे, जिसका नतीजा भी हुआ कि उन्हें यूपी से वापस जाना पड़ा.


यह भी पढ़ेंः बिहार: तेजस्वी के ट्वीट से साफ- महागठबंधन के लिए ‘अभी कठिन है डगर पनघट की’


अभी एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने सपा बसपा रालोद गठबंधन पर दबाव बनाने के लिए राज्य में अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये, जिसका बसपा सुप्रीमो मायवती और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखा विरोध किया और कांग्रेस को प्रदेश में भ्रम न फैलाने की नसीहत दे डाली.

बिहार में गठबंधन को लेकर उठापटक जारी है. राजद और कांग्रेस के गठबंधन का पेच अब तक फंसा हुआ है. जबकि भाजपा वहां गठबंधन कर सीटों की घोषणा भी कर चुकी है. तेजस्वी का ताजा बयान आया है कि कांग्रेस जल्दी फैसला करे वरना बाकि दलों के साथ गठबंधन कर सीटों की घोषणा कर देंगे.

share & View comments