लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार ने अग्रिम पंक्ति के सभी कर्मचारियों और निजी एवं सरकारी अस्पतालों को सतर्क रहने तथा सभी नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में ‘आंशिक’ वृद्धि को देखते हुए अग्रिम मोर्चे के सभी कर्मचारियों और निजी एवं सरकारी अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में ज्यादा संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं, वहां सघन जांच के आदेश जारी किए गए हैं.
प्रवक्ता के मुताबिक, “उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों में आंशिक वृद्धि देखने को मिली है. 28 मार्च को राज्य में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 340 थी. ऐसे में सरकार ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत संक्रमित व्यक्ति के नमूनों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय भेजा जाएगा.”
प्रवक्ता के अनुसार, “28 मार्च तक जो जिले कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, उनमें गौतमबुद्धनगर (57), गाजियाबाद (55), लखीमपुर खीरी (44), लखनऊ (27), बिजनौर (12), ललितपुर (नौ) और सहारनपुर (आठ) शामिल हैं. इन जिलों में स्थिति पर नजर रखने और जांच बढ़ाने के लिए कहा गया है.”
प्रवक्ता के मुताबिक, कोविड-19 की पिछली लहरों में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए जिलों में भी खास सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी ऐसे जिले हैं, जिन्हें महामारी के मद्देनजर ज्यादा संवेदनशील माना जाता है.
प्रवक्ता ने बताया कि सभी जिलों में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (आरटीआई), इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) के मामलों की सघन निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं.
प्रवक्ता के अनुसार, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) से जुड़े मामलों में कोविड जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने पर नमूनों की मौसमी इंफ्लुएंजा संबंधी जांच कराने को कहा गया है.
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