नई दिल्ली: अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में शनिवार दोपहर भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन को कवर करने के दौरान भारतीय पत्रकार ललित के. झा के साथ खालिस्तान समर्थकों ने दुर्व्यवहार किया और उन पर शारीरिक हमला किया.
इससे संबंधित वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि खालिस्तानी प्रदर्शनकारी उन्हें, भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्द कह रहे हैं.
भारतीय पत्रकार ललित के. झा ने रविवार को यूएस सीक्रेट सर्विस को उनकी रक्षा करने और अपना काम करने में मदद करने के लिए धन्यवाद दिया. झा ने बताया कि खालिस्तान समर्थक समर्थकों ने उनके बाएं कान पर दो डंडे मारे.
झा ने अपने ट्विटर हैंडल से खालिस्तानी समर्थकों का एक वीडियो भी शेयर किया.
पत्रकार ने रविवार को ट्वीट किया, ”आज काम करने के दौरान मेरी सुरक्षा करने के लिए सीक्रेट सर्विस का शुक्रिया, नहीं तो मैं इसे अस्पताल से लिख रहा होता. इन सज्जन ने मेरे बाईं कान में इन डंडों से दो बार मारा. इससे पहले मैंने आपातकालीन सेवा 911 को बुलाया, तो मेरे साथ शारीरिक हिंसा होने की आशंका में दो पुलिसवैन मेरी सुरक्षा के लिए दौड़े.”
Thank you @SecretService 4 my protection 2day 4 helping do my job, otherwise I would have been writing this from hospital. The gentleman below hit my left ear with these 2 sticks & earlier I had to call 9/11 & rushed 2 police van 4 safety fearing physical assault👇. pic.twitter.com/IVcCeP5BPG
— Lalit K Jha ललित के झा (@lalitkjha) March 25, 2023
हालांकि, पत्रकार ने उनके साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है.
झा ने कहा, “अमृतपाल के समर्थन में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान के झंडे लहराए और यूएस सीक्रेट सर्विस की मौजूदगी में दूतावास के सामने उतरे. यहां तक कि उन्होंने खुले तौर पर दूतावास में तोड़फोड़ करने की धमकी दी और भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू को भी धमकी दी.”
ललित झा के साथ हुई इस हिंसा की अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास और अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने भी निंदा की है.
उन्होंने झा के ट्वीट को रीट्वीट कर लिखा, ”ललित के झा के खिलाफ यह हिंसा निंदनीय और पत्रकारिता पर हमला है. मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. ललित सबसे निष्पक्ष और विचारशील पत्रकारों में से एक हैं. ललित और राजनयिकों के साथ वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा करने के लिए हमारी सुरक्षा एजेंसियों का धन्यवाद.”
वेबसाइट पर जारी एक रिलीज में दूतावास ने कहा, “हमने आज वाशिंगटन डीसी में कथित ‘खालिस्तान प्रोटेस्ट’ को कवर करने के दौरान प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ भारतीय पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करने, धमकी देने और शारीरिक हमले करने के परेशान करने वाली तस्वीरें देखीं.”
भारतीय दूतावास के अनुसार, “हमारा मानना है कि पत्रकार को पहले मौखिक रूप से धमकाया गया और फिर उन पर शारीरिक रूप से हमला किया गया. उन्होंने अपनी निजी सुरक्षा और कुशलता के लिए पुलिस को बुलाया, जिन्होंने तुरंत मदद की.”
इसमें कहा गया, “हम किसी वरिष्ठ पत्रकार पर हुए ऐसे गंभीर और अनुचित हमले की निंदा करते हैं. इस तरह की गतिविधियां तथाकथित ‘खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों’ और उनके समर्थकों की हिंसक और असामाजिक प्रवृत्ति को बताती है, जो अक्सर हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल रहते हैं.”
दूतावास ने इस मामले में तुरंत मदद करने के लिए पुलिस को धन्यवाद दिया है.
प्रदर्शनकारियों में सभी उम्र के पगड़ीधारी पुरुष शामिल थे, जिन्होंने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए. वो डीसी-मैरीलैंड-वर्जीनिया (DMV) क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से आए थे. प्रदर्शनकारियों ने अंग्रेज़ी और पंजाबी दोनों भाषाओं में भारत विरोधी भाषण दिए और मानवाधिकारों के कथित तौर पर उल्लंघन के लिए पंजाब पुलिस को निशाना बनाया.
भारतीय दूतावास और सैन फ्रांसिस्को वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन की कई घटनाएं दर्ज की गई हैं. बीती 20 मार्च को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था.
ऑनलाइन शेयर की गई वीडियो में लकड़ी के डंडों पर लगे खालिस्तान के झंडे लहराते हुए विशाल भीड़ को वाणिज्य दूतावास भवन के कांच के दरवाजों और खिड़कियों को तोड़ने के लिए इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है. भीड़ खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए शहर की पुलिस द्वारा बनाए गए अस्थाई सुरक्षा अवरोधों को तोड़ते हुए परिसर के अंदर दाखिल हुई और दो खालिस्तानी झंडे लगा दिए.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने अलगाववादी सिखों के एक समूह द्वारा दूतावास पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे बिल्कुल अस्वीकार्य बताया.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले और अमेरिका के भीतर राजनयिक सुविधाओं के खिलाफ किसी भी हमले की निंदा की है. अमेरिका ने इन सुविधाओं के साथ-साथ उनके देश में काम करने वाले राजनयिकों की सुरक्षा करने का वादा दिया है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ हमले और संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर राजनयिक सुविधाओं के खिलाफ किसी भी हमले की निंदा करता है. हम इन सुविधाओं की सुरक्षा और साथ ही साथ काम करने वाले राजनयिकों की रक्षा करने का वादा करते हैं.”
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने ट्विटर पर कहा, अमेरिका सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ हिंसा की कार्रवाई की निंदा करता है. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने पुष्टि की कि अमेरिकी विदेश विभाग स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों के संपर्क में है.
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