प्योंगयांग (उत्तर कोरिया) : उत्तर कोरिया ने पानी के भीतर परमाणु सक्षम हमला करने वाले ड्रोन का परीक्षण किया है. अल जज़ीरा ने देश की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के हवाले से शुक्रवार को यह जानकारी दी है.
गौरतलब है कि ड्रोन अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सशस्त्र बलों को डराने के लिए एक ड्रिल के हिस्से तौर पर नष्ट होने से पहले लगातार 59 घंटे तक पानी के भीतर चला.
उत्तर कोरियन सेना ने इस सप्ताह किम जोंग उन के नर्देश पर एक सैन्य अभ्यास के दौरान नई हथियार प्रणाली को तैनात किया और परीक्षण किया, यह निर्धारित करने के मकसद से कि क्या यह ‘सुपर-स्केल’ पर एक घातक विस्फोट और तरंग पैदा कर सकता है.
केसीएनए के मुताबिक, ‘पानी के भीतर हमला करने वाला यह परमाणु हथियार किसी भी तट और बंदरगाह पर लॉन्च किया जा सकता है या सतह के जहाज द्वारा खींचे जाने पर संचालित किया जा सकता है.’
कई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पानी के भीतर परमाणु सक्षम हमला करने वाला ड्रोन, जो कि प्योंगयांग ने परीक्षण किया है, यह ‘रेडियोएक्टिव सुनामी’ भी ला सकता है.
प्रयोग के तौर पर ड्रोन को मंगलवार को दक्षिण हामग्योंग प्रांत के पास समुद्र में उतारा गया, और यह प्रांत के पूर्वी तट के पानी में गुरुवार को विस्फोट से पहले, लगभग 80 से 150 मीटर की गहराई में 59 घंटे और 12 मिनट (260 से 490 फीट) तक चलता रहा.
हालांकि, दक्षिण कोरिया न्यूज़ एजेंसी योनहाप ने कहा कि ड्रोन का अंतिम टारगेट पॉइंट हांगवोन बे के पानी में एक तैयार किया गया नकली दुश्मन बंदरगाह था, अल जजीरा ने इस मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी है.
ड्रोन की यह कवायद ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका का बी-1बी रणनीतिक बॉम्बर रविवार को अपनी पहले की तैनाती के 16 दिन बाद, संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण कोरिया लौटा है, जैसा कि प्योंगयांग ने पूर्वी सागर में एक और बैलिस्टिक मिसाइल दागी है. योनहाप न्यूज एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के हवाले यह जानकारी दी है.
मंत्रालय के मुताबिक यह कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर आसमान में 13 मार्च से चल रहे फ्रीडम शील्ड अभ्यास के हिस्से के तौर पर हुआ था. इस अभ्यास में दक्षिण कोरिया के F-35A स्टील्थ लड़ाकू विमान और US F-16 लड़ाकू विमान भी शामिल हैं.
इससे पहले, योनहाप की न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक प्रायद्वीप में एक बी-1बी बॉम्बर 3 मार्च को तैनात किया गया था.
इस तैनाती को उत्तर कोरिया के खिलाफ बल के प्रदर्शन के रूप में देखा गया, लिहाजा प्योंगयांग ने पूर्वी सागर की ओर कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी. प्योंगयांग द्वारा ह्वासोंग-17 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के परीक्षण के तीन दिन बाद उत्तर कोरिया ने कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी.
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