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Friday, 22 November, 2024
होमदेशRSS का राष्ट्रीय सेवा भारती महिलाओं, अनाथ बच्चों के लिए कर रहा काम; अप्रैल में होगा राष्ट्रीय सेवा संगम

RSS का राष्ट्रीय सेवा भारती महिलाओं, अनाथ बच्चों के लिए कर रहा काम; अप्रैल में होगा राष्ट्रीय सेवा संगम

मातृ छाया के तहत राष्ट्रीय सेवा भारती 1-3 साल के अनाथ बच्चों को अपने पास रखकर उनकी सुरक्षा व देखभाल करता है. पूरे देश में मातृ छाया के तहत कई संस्थान हैं जो इस दिशा में कार्य कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: बीस वर्षों से सेवा क्षेत्र में सक्रिय और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा संगठन राष्ट्रीय सेवा भारती सात से नौ अप्रैल तक जयपुर में राष्ट्रीय सेवा संगम का आयोजन करने जा रहा है. सेवा भारती का यह तीसरा महासंगम होगा जिसमें सामाजिक विकास के क्षेत्र में कार्य कर रहे 1000 से अधिक स्वैच्छिक सेवा संगठनों के 4000 से अधिक प्रतिनिधि सहभागिता करेंगे. इस संगम का ध्येय वाक्य स्वावलंबी भारत, समृद्ध भारत है.

मंगलवार (21 मार्च) को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष पन्नालाल भंसाली व महासचिव रेणु पाठक ने ग्रामीण और शहरी भारत में संगठनों के प्रयासों और उनके सामने आ रहीं चुनौतियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि सेवा भारती ने पिछले वर्ष में ही 25,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया है. साथ ही दक्षता, स्वास्थ्य, कौशल विकास और महिला सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में संगठन ने निरंतर योगदान दिया है.

राष्ट्रीय अध्यक्ष पन्नालाल भंसाली ने बताया कि सेवा भारती ‘नर सेवा नारायण सेवा’ के ध्येय के साथ वंचित, अभावग्रस्त, उपेक्षित एवं पीड़ित बंधुओं की सेवा करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रोत्साहन और सहयोग करने वाली एक छत्र संस्था है. सेवा भारती 16184 दक्षता प्रकल्प, 10513 स्वास्थ्य प्रकल्प, 6805 स्वावलंबन प्रकल्प, 9543 सामाजिक प्रकल्प समेत कुल 43045 सेवा परियोजनाओं द्वारा समाज को सशक्त, समरस बना एकता के सूत्र में बांधने के लिए प्रयासरत है. देश के 117 जिलों में 12187 स्वयं सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 120000 सदस्य हैं. इन समूहों में 2451 समूह स्वावलंबन के कायों में सक्रिय हैं. देश के 55 जिलों में स्वयं सहायता समूह वैभवश्री रचना में संचालित हो रहे हैं. इनमें 27494 सदस्य हैं.

पन्नालाल भंसाली ने कहा कि “जयपुर में होने जा रहा सेवा संगम यह भी प्रदर्शित करेगा कि कैसे सेवा भारती देश भर में महिलाओं को शिक्षित करने, प्रशिक्षण देने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए समर्पित है. हाल ही में सेवा भारती ने महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए हैदाराबाद में ‘रन फॉर गर्ल चाइल्ड’ और ‘किशोरी विकास’ जैसे कार्यक्रम जैसी प्रमुख पहल की है. भंसाली ने सेवा भारती की पिछली उपलब्धियों, संगठन के दृष्टिकोण और अगले पांच वर्षों के उद्देश्यों के बारे में जागरूकता पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि “सेवा भारती कार्यकर्ताओं ने शहरी क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता पर भविष्य की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी है और पुस्तकें वितरित की हैं.” प्रेस कान्फ्रेंस में सेवा भारती के प्रमुख वक्ताओं ने पाली, राजस्थान के लिए रोजगार नीति के महत्व और आवजीविका के अवसर पैदा करने में इसकी प्रभावशीलता पर भी बात की.

राष्ट्रीय सेवा भारती की महासचिव रेणु पाठक ने बताया कि “संगठन ने स्वस्थ बाल पोषण सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं. सेवा भारती हमेशा संकट के किसी भी क्षण में समाज में सेवा करने के सक्रिय रहा है, और हमारे स्वयंसेवकों ने कोविड-19 महामारी के अशांत समय के दौरान चिकित्सा, भोजन आदि उपलब्ध कराकर आमजन को सहायता प्रदान की है. हम समाज के हर वर्ग के लोगों की भलाई के लिए कार्य कर रहे हैं.”

रेणु पाठक ने दिप्रिंट को बताया कि मातृ छाया के तहत संस्थान 1-3 साल के अनाथ बच्चों को लेता है और अपने पास रखकर उनकी सुरक्षा व देखभाल करता है. पूरे देश में मातृ छाया के तहत कई संस्थान हैं जो इस दिशा में कार्य कर रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि, सरकार के नियमों के मुताबिक उन बच्चों को जो लोग गोद लेना चाहते हैं उन्हें गोद देने की प्रक्रिया पूरी की जाती है.

दिप्रिंट के पूछने पर उन्होंने बताया कि जिन बच्चों को कोई भी गोद नहीं लेता उन्हें संस्थान पढ़ा-लिखाकर अपने पैरों पर खड़ा करता है.

पाठक ने कहा कि जो बच्चे या बच्चियां अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं वे वापस फिर से संस्थान से जुड़ते हैं और न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि पैसे से भी अपनी क्षमतानुसार सहायता पहुंचाते हैं.

इससे पूर्व सेवा भारती ने 9 मार्च को जयपुर में सेवा संगम स्थल पर “भूमि पूजन” के माध्यम से ‘मातृभूमि’ का विधिवत पूजन किया था. पहला सेवा संगम वर्ष 2010 में बंगलुरू में आयोजित किया गया था. इसका ध्येय वाक्य ‘परिवर्तन’ था. इसमें 980 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. वर्ष 2015 में दूसरा सेवा संगम नई दिल्ली में सम्पन्न हुआ. इसका ध्येय वाक्य ‘समरस भारत, समर्थ भारत’ रहा. इसमें 3500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. अब तीसरा सेवा संगम जयपुर में सात, आठ और नौ अप्रैल 2023 को आयोजित होने जा रहा है.


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