नई दिल्ली: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सह-शिक्षा संस्थानों में छात्राओं और शिक्षकों के लिए हिजाब अनिवार्य कर दिया है.
इस संबंध में पीओके सरकार द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई है.
अधिसूचना के अनुसार सहशिक्षा संस्थानों में छात्राओं और शिक्षिकाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य होगा. पाकिस्तान के समा न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आदेशों के उल्लंघन पर संस्थान प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
स्थानीय पत्रकारों ने सरदार तनवीर के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार के इस फैसले की आलोचना की है.
मारियाना बाबर ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस फैसले की आलोचना की और इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को एक विकल्प दिया जाना चाहिए.
मारियाना बाबर ने एक ट्वीट में कहा कि, “पीओके सरकार ने मिक्स्ड जेंडर एजुकेशनल इंस्टिटूशन में महिला छात्रों और शिक्षकों के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया है.”
AJK government has made it mandatory for female students and teachers to wear the hijab in mixed-gender educational institutions, a circular issued on Monday stated.#give women a choice#stop dictating to women and men
— Mariana Baabar (@MarianaBaabar) March 6, 2023
उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को चॉइस मिलना चाहिए. पुरुष महिलाओं पर हुक्म चलाना बंद करें.
मुर्तजा सोलंगी ने पीटीआई के नेतृत्व वाली सरकार के फैसले की तुलना तालिबान के फैसले से की है. पिछले साल तालिबान ने भी अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए सार्वजनिक रूप से हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया था.
उन्होंने आगे कहा, ‘द टूथलेस डेंटिस्ट (पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी) जो फासीवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार पीओके में तालिबान जैसा शासन कैसे लागू कर रही है.’
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