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Monday, 4 November, 2024
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‘नई टेक्नोलॉजी नई तरह की क्लासरूम के निर्माण में भी मदद कर रहे हैं’ – PM मोदी

कोविड महामारी के दौरान के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, पीएम मोदी ने रेखांकित किया कि नई तकनीक नए प्रकार के क्लासरूम बनाने में मदद कर रही है.

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नई दिल्ली: प्रैक्टिकल बेस्ड और इंडस्ट्री ओरिएंटेड शिक्षा प्रणाली पर जोर देते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार देश के युवाओं को ‘कक्षा के बाहर एक्सपोजर’ देने के लिए इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप प्रदान करने पर काम कर रही है.

पीएम मोदी ने शनिवार को ‘हारनेसिंग यूथ पावर- ​​स्किलिंग एंड एजुकेशन’ विषय पर पोस्ट बजट वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि ‘सभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने रेखांकित किया कि भारत के अमृत काल के दौरान कौशल और शिक्षा दो प्रमुख उपकरण हैं और यह युवा ही हैं जो विकसित भारत की दृष्टि से देश की अमृत यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं.’

केंद्रीय बजट 2023 में घोषित पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विचारों और सुझावों की तलाश के लिए सरकार द्वारा आयोजित 12 पोस्ट-बजट वेबिनार की श्रृंखला में से तीसरा है.

पीएम ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी नई तरह की क्लासरूम के निर्माण में भी मदद कर रहे हैं. कोविड के दौरान हमने अनुभव भी किया है, इसलिए आज सरकार ऐसे टूल्स पर फोकस कर रही है जिससे एनीवेयर एक्सेस ऑफ नॉलेज सुनिश्चित हो सके.

युवा और उनके भविष्य को सबसे अधिक महत्व

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अमृत काल बजट में युवाओं और उनके भविष्य को सबसे अधिक महत्व दिया गया है. वर्षों से हमारा शिक्षा क्षेत्र कठोरता का शिकार रहा है, हमने इसे बदलने की कोशिश की है. हमने शिक्षा को फिर से उन्मुख किया है और योग्यता के अनुसार स्केलिंग की है. युवा आने वाले समय की मांग हैं.’

अमृत ​​काल के पहले बजट में युवाओं और उनके भविष्य पर दिए गए विशेष जोर पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल का बजट शिक्षा प्रणाली को और अधिक व्यावहारिक और उद्योगोन्मुख बनाकर इसकी नींव को मजबूत करेगा.

उन्होंने वर्षों से शिक्षा प्रणाली में लचीलेपन की कमी पर अफसोस जताया और बदलाव लाने के लिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया.

पीएम ने कहा, ‘युवाओं की योग्यता और भविष्य की मांगों के अनुसार शिक्षा और कौशल को फिर से उन्मुख किया गया है. नई शिक्षा नीति के रूप में शिक्षा और कौशल दोनों पर समान रूप से जोर दिया जा रहा है और इस कदम को शिक्षकों का समर्थन मिला है.’

प्रधान मंत्री ने कहा कि यह कदम सरकार को हमारे छात्रों को अतीत के नियमों से मुक्त करते हुए शिक्षा और कौशल क्षेत्रों में और सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करता है.

नए क्लासरूम

कोविड महामारी के दौरान के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, पीएम मोदी ने रेखांकित किया कि नई तकनीक नए प्रकार के क्लासरूम बनाने में मदद कर रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार उन उपकरणों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो ‘कहीं भी ज्ञान तक पहुंच’ सुनिश्चित करते हैं और 3 करोड़ सदस्यों वाले ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म SWAYAM का उदाहरण दिया. उन्होंने वर्चुअल लैब्स और नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी के ज्ञान का बहुत बड़ा माध्यम बनने की संभावना की ओर इशारा किया.

पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि अप्रेंटिसशिप हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगी और भारत में अप्रेंटिसशिप को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला.

इस वर्ष के बजट पर प्रकाश डालते हुए, प्रधान मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत लगभग 50 लाख युवाओं के लिए उपलब्ध कराए गए वजीफे के प्रावधान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह अप्रेंटिसशिप के लिए माहौल बना रहा है और भुगतान में उद्योग की मदद भी कर रहा है.

प्रधान मंत्री ने भारत में शिक्षा क्षेत्र में तेजी से बदलाव लाने में शिक्षा और उद्योग की भूमिका और साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने रेखांकित किया कि अनुसंधान उद्योग से पर्याप्त धन के लिए जगह बनाते हुए बाजार की जरूरतों के अनुसार अनुसंधान को संभव बनाया जाएगा.


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