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Thursday, 31 October, 2024
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पाक ने शांति के लिए अभिनंदन को किया रिहा, पर इमरान को मोदी से ज्यादा आशा नहीं

ख़ान की घोषणा के बाद, पाकिस्तान में बहुत से लोग सवाल कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को बिना किसी शर्त या रियायत के क्यों छोड़ रहे हैं.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई की ‘शांति के लिए सद्भाव’ वाली गुरुवार की घोषणा, एक मुश्किल राजनीतिक फैसला था. हालांकि ख़ान ने इससे पहले विपक्षी दलों के साथ शांतिपूर्वक और संवेदनशीलता के साथ विचार-विमर्श किया और रिहाई की घोषणा उन्होंने संसद के संयुक्त सत्र में की.

इस घोषणा से मात्र दो घंटे पहले, मैंने जियो न्यूज़ पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से सवाल किया था: ‘क्या आप भारतीय पायलट को रिहा कर तनाव खत्म करने को राजी हैं, क्योंकि इससे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी प्रतिष्ठा बचाने का मौका मिल सकेगा?’

कुरैशी ने तत्काल सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा, ‘हम इस पर विचार करने के लिए तैयार हैं.

कुरैशी ने मुझे ये भी बताया कि भारत सरकार ने बुधवार को जैश-ए-मोहम्मद पर एक फाइल भेजी है और पाकिस्तान इस बारे में बातचीत के लिए तैयार है. इमरान ख़ान और कुरैशी दोनों ने ही शांति के ये संकेत एक भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए जाने के मात्र एक दिन बाद दिए.


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ख़ान की घोषणा के बाद, पाकिस्तान में बहुत से लोग सवाल कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को बिना किसी शर्त या रियायत के क्यों छोड़ रहे हैं. कइयों ने मांग की कि भारतीय पायलट को लौटाने के बदले पाकिस्तान को मक़बूल भट्ट और अफ़ज़ल गुरू के अवशेष लेने चाहिए, जिन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी.

इसके बावजूद, पाकिस्तान के अधिकांश लोगों ने पहले ना सिर्फ भारतीय पायलट की रिहाई की मांग की, बल्कि वे अब उसे छोड़े जाने की इमरान ख़ान की घोषणा का भी समर्थन कर रहे हैं – एक ऐसी घोषणा जो उन्होंने कमज़ोर स्थिति में रहते हुए नहीं बल्कि मज़बूत स्थिति में होकर की है.

इमरान ख़ान ने भारत को दिए अपने संदेश में इस बात को भी शामिल किया कि ‘बहादुर शाह ज़फ़र हमारे आदर्श नहीं हैं. इस देश का नायक टीपू सुल्तान है.’ उनका दो-टूक संदेश था: ‘शांति की पहल को हमारी कमज़ोरी नहीं समझें, क्योंकि युद्ध की स्थिति में हम सरेंडर नहीं करेंगे बल्कि टीपू सुल्तान की तरह खून का आखिरी कतरा रहने तक लड़ेंगे.’

हमें ये भी पता चला है कि अमेरिका, चीन और सऊदी अरब के अधिकारियों ने भी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को भारत के साथ तनाव को कम करने के लिए कुछ सकारात्म कदम उठाने की सलाह दी थी. भारतीय पायलट अभिनंदन वर्तमान की रिहाई पाकिस्तान के लिए सबसे बढ़िया विकल्प था. इमरान ख़ान ने इस बारे में नेतृत्व से भी बात की, ना कि मात्र राजनीतिक पार्टियों से.

इस बात को रेखांकित करना अहम है कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तानी सेना ने नहीं पकड़ा. नियंत्रित रेखा से सात किलोमीटर अंदर पाकिस्तानी कश्मीर के भिंबर ज़िले के होर्रां गांव के युवकों ने उन्हें देखा और घेर लिया. पायलट अपने पैराशूट से सकुशल बाहर आया. उसने स्थानीय लोगों से पूछा कि वह भारत में है या पाकिस्तान में. एक युवक ने उसे गुमराह करने की कोशिश की और कहा कि वह भारत में है.


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इसके बाद अभिनंदन ने ‘जयहिंद’ का नारा बुलंद किया. इससे युवकों को गुस्सा आ गया और उन्होंने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए. पायलट को समझ आ गया कि वह पाकिस्तान में है और उसने अपनी पिस्तौल निकाली ली. युवकों ने उस पर पत्थर फेंके. अभिनंदन वर्तमान ने कुछ हवाई फायर किए और भागने की कोशिश की, पर उन्हें एक बड़ी भीड़ ने घेर लिया. भीड़ ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया, पर पाकिस्तानी सैनिक वक्त रहते वहां पहुंच गए और पायलट को हिरासत में ले लिया.

अब पाकिस्तान उसे शांति की उम्मीद में छोड़ रहा है. क्या नरेंद्र मोदी इसका सकारात्मक जवाब देंगे? इमरान ख़ान के करीब के कई लोगों ने मुझसे कहा कि दक्षिण एशिया की दो परमाणु ताकतों के प्रमुखों के बीच शीघ्र ही टेलीफोन पर संपर्क स्थापित होगा और फिर सब कुछ संभल जाएगा. निजी तौर पर, इमरान ख़ान मोदी को लेकर बहुत आशावादी नहीं हैं. उन्हें लगता है कि मोदी चुनावी मुद्रा में हैं और फिलवक्त शांति उनके अनुकूल नहीं है. मोदी शायद और कुछ मांग करें. परंतु, यदि इमरान ख़ान की शांति की पहल पर मोदी सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय ताकतों को दक्षिण एशिया में हस्तक्षेप का अवसर मिल सकता है.

इसलिए, भारत और पाकिस्तान के लिए ये आगे कदम बढ़ाने का वक्त है. युद्ध विकल्प नहीं है. उन्हें आतंकवाद और चिंता के अन्य विषयों पर वार्ताएं शुरू करनी चाहिए. इमरान ख़ान को अंतरराष्ट्रीय मीडिया, भारतीय समेत, को पाकिस्तान के दौरे पर बुलाना चाहिए. मीडिया को बालाकोट के निकट जब्बा जाने की अनुमति होनी चाहिए जहां 26 फरवरी को भारत ने हवाई हमले किए थे. अपनी छानबीन करने और एक निष्पक्ष भूमिका निभाने के लिए उनका स्वागत किया जाना चाहिए.
इसके बदले में, भारत सरकार भी पाकिस्तानी मीडिया को अपने देश में आने की अनुमति दे सकती है. यह पहल ना सिर्फ भारत और पाकिस्तान की सरकारों के लिए मददगार साबित होगी, बल्कि इससे दोनों देशों के आम नागरिकों की कतिपय गंभीर गलतफहमियों को दूर करने में भी सहायता मिलेगी.

पाकिस्तान का विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को रिहा करना एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है. आइए इस खेल को बदल डालें.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

(लेखक एक पुरस्कृत पाकिस्तानी पत्रकार हैं.)

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